Daily Voice: दिसंबर की बैठक में RBI से ब्याज दर में कटौती की उम्मीद नहीं, बैंकिंग और ऑटो शेयरों में है दम

आरबीआई फेड के साथ तालमेल बिठाकर ब्याज दर संबंधी निर्णय नहीं ले रहा है और दिवम शर्मा को ऐसा होने की उम्मीद भी नहीं है। दिवम शर्मा ग्रीन पोर्टफोलियो के को-फाउंडर हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट दिवम के पास इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट का 17 सालों से अधिक का अनुभव है। इने प्रबंधन में 600 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है

अपडेटेड Nov 12, 2024 पर 11:09 AM
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दिवम ने कहा कि वे वैल्यूएशन को लेकर कभी भी बहुत चिंतित नहीं थे क्योंकि उन्होंने काफी महंगे बाजारों में भी अच्छो अवसरों की तलाश की है। उनका कहना है कि बाजार में हमेशा महंगे और सही भाव वाले दोनों तरह के स्टॉक रहते हैं

ग्रीन पोर्टफोलियो के को-फाउंडर और स्मॉलकेस मैनेजर दिवम शर्मा ने मनीकंट्रोल को दिए साक्षात्कार में कहा है कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि दिसंबर की नीति बैठक में आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा क्योंकि खाने-पीने की महंगाई लगातार उंचे स्तर पर बनी हुई है। उनके मुताबिक फरवरी की बैठक आरबीआई दरों में कटौती कर सकता है।

वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही की कमजोर नतीजों के बाद, दिवम को पूरे साल की आय के अनुमान में कोई खास कमी नहीं दिख रही है। वास्तव में, वह पूरे साल की आय को लेकर बुलिश हैं। दिवम ने आगे कहा कि कई सेक्टरों के लिए,तीसरी और चौथी तिमाही प्रमुख बुक बिल्डर होते हैं। दिवम को लगता है त्योहारी मांग और बिक्री के कारण तीसरी तिमाही के नतीजे बेहतर रह सकते हैं।

ऑटो सेक्टर पर बात करते हुए दिवम ने कहा कि दिवाली के बाद इस सेक्टर ने अच्छे आंकड़े पेश किए हैं। ऑटो सेक्टर में इन्वेंट्री की ढेर भी त्योहारी सीजन के बाद कम हो गई है। त्योहारी तिमाही आमतौर पर ऑटो कंपनियों के लिए सबसे अच्छी होती है और हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में ऑटो कंपनियों की आय अच्छी रहेगी। उनको उम्मीद है कि निकट भविष्य में ऑटो सेक्टर में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी।


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बैंक शेयरों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में हाल ही में हुए करेक्शन में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है। बैंक निफ्टी ने बेंचमार्क निफ्टी 50 से बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले हालिया करेक्शन के दौरान बैंकिंग ने मजबूती दिखाई है। दूसरी तिमाही की आय में नरमी के बावजूद बैंकिंग सेक्टर तुलनात्मक रूप से मजबूत रहा है। यह स्थिरता क्रेडिट की मजबूत मांग से आती है। चीन की प्रोत्साहन घोषणा के बाद बैंकिंग में गिरावट आई लेकिन करेक्शन का दौर बैंकिंग के लिए बहुत खराब नहीं रहा।

क्या आपको लगता है कि हाल ही में बाजार में आए करेक्शन से आईपीओ पाइपलाइन पर कोई असर नहीं पड़ेगा?  इस पर दिवम ने कहा कि बाजार में भारी गिरावट के बावजूद आईपीओ बाजार में मंदी नहीं आई है। आईपीओ बाजार पिछले कुछ सालों से एक लॉटरी की तरह बना हुआ है। अक्टूबर में भी जब बाजार में गिरावट थी तब भी कई आईपीओ 100 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हुए। जीएमपी और लिस्टिंग डे गेन की वजह से आईपीओ के लिए निवेशकों की धारणा मजबूत बनी हुई है।

क्या आप रिकॉर्ड ऊंचाई से तेज करेक्शन के बाद भी वैल्यूएशन को लेकर चिंतित हैं? इसके जवाब में दिवम ने कहा कि वे वैल्यूएशन को लेकर कभी भी बहुत चिंतित नहीं थे क्योंकि उन्होंने काफी महंगे बाजारों में भी अच्छो अवसरों की तलाश की है। उनका कहना है कि बाजार में हमेशा महंगे और सही भाव वाले दोनों तरह के स्टॉक रहते हैं। हालिया करेक्शन के चलते कई महंगे स्टॉक का वैल्यूएशन सही लेवल पर आ गया है। ऐसे में कई कंपनियां फिर से ग्रीन पोर्टफोलियो की शॉपिंग लिस्टे में शामिल हो गई हैं और यह एक सकारात्मक पहलू है।

 

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