Daily Voice: अल्फा कैपिटल के निखिल विकमसी ने कहा FY24-FY25 के लिए कमाई के अनुमान पर कोई बड़ा खतरा नहीं
अल्फा कैपिटल के सीनियर पार्टनर, निखिल विकमसी ने कहा कि मैक्रोइकोनॉमिक इंडिकेटर संकेत दे रहे हैं कि अर्निंग ट्रैजेक्टरी उम्मीद के अनुसार रहेगी या उससे अच्छी रहेगी। हमें अर्निंग एस्टीमेंट पर कोई बड़ा खतरा नहीं नजर आ रहा है। जबकि FY24 - FY25 को अर्निंग के लिहाज से उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करना चाहिए
निखिल विकमसी ने कहा कि स्थानीय बाजारों में बड़े करेक्शन आने की आशंका नहीं है। लेकिन कमजोर वैश्विक बाजारों के प्रभाव से हमें गिरावट देखने को मिल सकती है
Daily Voice: अल्फा कैपिटल के सीनियर पार्टनर, निखिल विकमसी (Nikhil Vikamsey, Senior Partner at Alpha Capital) ने मनीकंट्रोल के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि मैक्रोइकोनॉमिक इंडिकेटर संकेत दे रहे हैं कि अर्निंग ट्रैजेक्टरी उम्मीद के अनुसार रहेगी या उससे अच्छी होने की संभावना है। उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर हमें अर्निंग एस्टीमेंट पर कोई बड़ा खतरा नहीं दिख रहा है।" उनका मानना है कि FY24 - FY25 को उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करना चाहिए क्योंकि कोई बड़ी अनिश्चित घटना सामने नहीं आएगी। भविष्य में संभावित बाजार करेक्शन के संबंध में उनका दावा है कि फेडरल रिजर्व के कार्यों के कारण एक महत्वपूर्ण लोकल करेक्शन की संभावना नहीं है। हालांकि वे वैश्विक बाजारों में कमजोरी के कारण बाजार में गिरावट की आशंका को स्वीकार करते हैं। निखिल विकमसी चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और इन्हें बीस वर्षों से अधिक की पेशेवर अनुभव है।
प्रश्न: यदि फेड रेट हाईक साइकल और वोलैटिलिटी में कमी की पुष्टि करता है तो क्या आपको बाजार में बड़े करेक्शन की आशंका कम दिखती है?
अमेरिका में ऊंची ब्याज दरों के कारण, मुख्य रूप से आकर्षक दरों के कारण वहां मुद्रा बाजार का एक्सपोजर $3 ट्रिलियन (3 लाख करोड़ डॉलर) से दोगुना होकर $6 ट्रिलियन (6 लाख करोड़ डॉलर) हो गया है। एक बार जब फेड दरों में कटौती करेगा तो पैसा अन्य एसेट्स में जाना शुरू हो जाना चाहिए और इससे आने वाले वर्ष में इक्विटी बाजारों को सपोर्ट मिलेगा।
यदि फेड रेट साइकल की पुष्टि करता है, तो यह निश्चित रूप से वोलैटिलिटी को कम करेगा और अधिक स्थिरता लाएगा। किसी भी स्थिति में, हमें स्थानीय स्तर पर बड़े करेक्शन आने की आशंका नहीं दिखती है। हालांकि कमजोर वैश्विक बाजारों के प्रभाव के रूप में हमें गिरावट देखने को मिल सकती है।
प्रश्न: क्या फार्मा सेक्टर में निवेश बढ़ाने का यह सही समय है?
भारतीय फार्मा उद्योग वॉल्यूम के हिसाब से फार्मास्युटिकल उत्पादन में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है। कुल मिलाकर अगले 5-6 वर्षों में इस सेक्टर का आकार दोगुना होने की उम्मीद है। पीएलआई समेत सरकार की कई नीतियां फार्मा इंडस्ट्री को फायदा पहुंचा रही हैं। हालांकि रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर खर्च बढ़ रहा है। फिर भी हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है।
निवेश के नजिरये देखें तो, फार्मा एक डिफेंसिव सेक्टर बना हुआ है। हम फार्मा सेक्टर को एलोकेट करने का सुझाव देते हैं लेकिन एसेट एलोकेशन फ्रेमवर्क के भीतर रहे और इसमें अति न करें।
प्रश्न: कॉर्पोरेट अर्निंग सीजन पर कोई विचार? क्या आपने अनुमान चूकने की तुलना में हिट होते देखे हैं और क्या आपने FY24-FY25 अर्निंग एस्टीमेट्स में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं?
निखिल विकमसी ने कहा कि लंबी अवधि के निवेश में एक तथ्य यह है कि रिटर्न अंततः अर्निंग को चेज करता है। फिलहाल भारत में कॉरपोरेट अर्निंग थोड़ी कमजोर रही है। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और कमोडिटीज में मंदी, जो कुल इंडेक्स का लगभग 40 प्रतिशत है, वे प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर बताते हैं कि अर्निंग ट्रैजेक्टरी अनुमान के मुताबिक या बेहतर हो सकती है। संक्षेप में हमें अर्निंग एस्टीमेट पर कोई बड़ा खतरा नहीं दिख रहा। हालाँकि अगले साल हमारे देश में आम चुनाव होने वाले हैं, जिसका असर 1 या 2 तिमाहियों पर पड़ सकता है। बाजार ऐसी घटनाओं के कारण अर्निंग में ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव के आधार पर खुद को एडजस्ट करता हुआ दिखेगा।
हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 24 - वित्त वर्ष 25 में उम्मीद के मुताबिक नतीजे आने चाहिए। इसकी वजह ये है कि हम किसी बड़ी अनिश्चित घटना के सामने आने की कल्पना नहीं कर रहे हैं।
प्रश्न: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में से आप किन पॉकेट्स पर बड़ा दांव लगा रहे हैं?
विकमसी ने कहा कि इनोवेशन ड्राइव का नेतृत्व करने सेक्टर, सेमी-कंडक्टर, एयरोस्पेस आदि जैसी वैश्विक मांग वाले स्पेस पर पकड़ बनाने, वैश्विक स्तर पर डिलीवरी के पैमाने को बढ़ाने की जरूरत है।
विशिष्ट सेक्टर के संदर्भ में, हम उन सेक्टर्स या कंपनियों को देख रहे हैं जो इनोवेशन करने में सक्षम हैं। इसलिए हम यहां सेक्टर के लिहाज से न्यूट्रल हैं। हमें मैन्युफैक्चरिंग के भीतर उप-सेक्टर्स के वैल्यूएशन का भी मूल्यांकन करना चाहिए। उसके अनुसार पॉकेट्स का चयन करना चाहिए।
(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)