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Daily Voice: सेंसेक्स-निफ्टी में डबल डिजिट ग्रोथ मुमकिन, SVB के अलावा बाजार के लिए कोई दूसरा खतरा नहीं

Daily Voice:यहां से निफ्टी और सेंसेक्स में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिल सकती है। अकेले भारतीय बाजारों के लिए ही किसी बड़े खतरे की संभावना नहीं दिखती। हां, अगर कोई ग्लोबल संकट उत्पन्न होता है तो निश्चित रूप से भारतीय बाजार भी इस संकट अछूते नहीं रह सकते हैं। लेकिन हमें इस समय अमेरिका के एसवीबी संकट को छोड़कर कोई दूसरा बड़ा कारण नहीं नजर आ रहा है जो ग्लोबल या घरेलू स्तर पर बाजार के लिए बड़ा खतरा हो

अपडेटेड Mar 15, 2023 पर 2:26 PM
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Daily Voice:इस समय भारत समेत दुनिया की तमाम बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश के बहुत अच्छे मौके नजर आ रहे हैं

Daily Voice:ओम्नीसाइंस कैपिटल (OmniScience Capital) के सीईओ और मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. विकास गुप्ता (Dr Vikas Gupta) ने बाजार और इकोनॉमी मनीकंट्रोल के साथ एक लंबी बातचीत की है। इस बातचीत में उन्होंने कहा कि उनको इस बात की बहुत कम संभावना दिखती है कि यूएस फेड अपनी फंड दर को 6 फीसदी तक ले जाएगा। महंगाई में गिरावट देखने को मिल रही है। ये बात ध्यान रखने की है कि महंगाई की सबसे बड़ी वजह सप्लाई चेन की दिक्कत थी। अब ये दिक्कत दूर हो चुकी है। इस समय फेड फंड दर 4.5 फीसदी से 4.75 फीसदी के बीच है।

मनीकंट्रोल के साथ हुई इस बातचीत में डॉ. विकास गुप्ता ने दुनिया की मौजूदा फाइनेंशियल स्थिति और भारत पर इसके प्रभाव पर अपने विचार साझा किए। उनका मानना है कि भारत के लिए परेशानियां तमाम ग्लोबल कारणों से बनी हुई हैं। उन्होंने कहा "अगर अमेरिका में एसवीबी के जरिए सामने आई फाइनेंशियल दिक्कत आगे बढ़ती है। तो एफआईआई सतर्क हो जाएंगे और इसका भारतीय इक्विटी बाजारों पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, हमें कोई अन्य बड़ी चुनौती नहीं दिखती है।"

निफ्टी और सेंसेक्स में डबल डिजिट ग्रोथ मुमकिन


विकास गुप्ता का मानना है कि यहां से निफ्टी और सेंसेक्स में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिल सकती है। अकेले भारतीय बाजारों के लिए ही किसी बड़े खतरे की संभावना नहीं दिखती। हां, अगर कोई ग्लोबल संकट उत्पन्न होता है तो निश्चित रूप से भारतीय बाजार भी इस संकट अछूते नहीं रह सकते हैं। लेकिन हमें इस समय अमेरिका के एसवीबी संकट को छोड़कर कोई दूसरा बड़ा कारण नहीं नजर आ रहा है जो ग्लोबल या घरेलू स्तर पर बाजार के लिए बड़ा खतरा हो।

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इस समय हमें कहां लगाना चाहिए दांव?

इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. विकास गुप्ता ने कहा कि इस समय हमें ऐसे कंपनियों पर निवेश करना चाहिए जो कम लीवरेज्ड हों, ज्यादा प्रतिस्पर्धी हों, तुलनात्मक रूप से बेहतर हों, जिनमें ग्रोथ करने की बड़ी संभावना हो और जो सस्ते वैल्यूशन पर उपलब्ध हों। इस समय ग्लोबल और घरेलू बाजार में इस तरह की कई कंपनियां उपलब्ध हैं।

क्या आपको लगता है कि बाकी बचे कैलेंडर वर्ष में कुछ महीनों के लिए खुदरा महंगाई 7 फीसदी से ज्यादा हो सकती है?

इस सवाल का जवाब देते विकास ने कहा कि वर्तमान जानकारी के आधार पर इसकी संभावना नहीं है। लेकिन अगर सप्लाई चेन में फिर से कोई मुश्किल आती है तो अस्थायी रूप से ऐसा हो सकता है।

क्या आपको लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में अगली कुछ तिमाहियों में सुस्ती देखने को मिलेगी?

इस पर विकास ने कहा कि अगर इस कैलेंडर ईयर में भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की बढ़त नहीं दिखाती है तो अपने में आश्चर्य की बात होगी। चुनावों के नजदीक होने के कारण भारत सरकार की तरफ से विकास और इंफ्रा पर बहुत अधिक खर्च किए जाने की संभावना है। सरकार का लक्ष्य उन परियोजनाओं को पूरा करना होगा जो लगभग पूरी हो चुकी हैं। सरकार इनको चालू करने और दूसरी मेगा परियोजनाओं को शुरू करने पर जोर बनाए रखेगी।

कुल मिलाकर, निजी क्षेत्र और बैंकों दोनों की बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है। उपभोक्ता मांग में लगातार बढ़त के कारण आगे निजी क्षेत्र की तरफ से भी क्षमता विस्तार पर खर्च बढ़ता दिखेगा। ऐसे में लगता है कि इस कैलेंडर ईयर में भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग 6.5-7 फीसदी की विकास दर दिखा सकती है। अगर विकास दर इससे भी ज्यादा हो तो आश्चर्य नहीं होगा।

क्या PSU कंपनियों पर आपका नजरिया बुलिश है?

इस पर विकास गुप्ता ने कहा कि हम तमाम सरकारी कंपनियों को लेकर पॉजिटिव हैं। इनमें ग्रोथ की काफी व्यापक संभावनाएं दिख रही हैं। इनकी कार्यक्षमता काफी मजबूत है। इनकी बैलेंस सीट भी काफी बेहतर स्थिति में हैं। कई सरकारी कंपनियां अपने क्षेत्र में मोनोपोली रखती है। इस समय ये काफी अच्छे भाव पर मिल रही हैं। आगे भारत के विकास में ऊर्जा की सबसे बड़ी जरूरत होगी। ऐसे में पावर सेक्टर की कई कंपनियां इस समय काफी सस्ते भाव पर मिल रही हैं।

टेक्नोलॉजी शेयरों पर क्या है आपकी रणनीति ?

इस सवाल का जवाब देते हुए गुप्ता ने कहा कि भारत और ग्लोबल टेक्नोलॉजी स्टॉक इस समय आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस में हुई क्रांति के दम पर काफी अच्छी संभावनाएं दिखा रही हैं। यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़त और तमाम टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा लागत में कटौती के बड़े उपाय के चलते वॉल स्ट्रीट सहित दलाल स्ट्रीट पर भी तमाम बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में काफी गिरावट हुई है। लेकिन लंबी अवधि के नजरिए से देखें तो अगले कई दशक तक इनमें तेजी बने रहने की संभावना है। ऐसे में इस समय भारत समेत दुनिया की तमाम बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश के बहुत अच्छे मौके नजर आ रहे हैं।

 

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