Daily Voice: बाजार में बड़ा करेक्शन आया तो इनवेस्टमेंट मैनेजर इन 3 सेक्टर में कर सकते हैं निवेश
Daily Voice: Ashika Global Family Office Service के Amit Jain ने मनीकंट्रोल को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि अगर कोई ग्लोबल करेक्शन होता है, तो मैं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर हांगकांग टेक सेक्टर के लिस्टेड ईटीएफ में 20 प्रतिशत पैसा लगाऊंगा। जबकि बाकी 80 प्रतिशत पैसा भारतीय बैंकिंग, एफएमसीजी और स्पेशल केमिकल थीम्स में लगाऊंगा
Infosys पर अमित जैन ने कहा कि मैं 18 अप्रैल को इंफोसिस द्वारा दिए जाने वाले गाइडेंस पर उत्सुकता से नजर रख रहा हूं। अपने शिखर से 15 प्रतिशत की गिरावट के बाद Infosys का शेयर 1,400 रुपये पर अच्छा लग रहा है
Daily Voice:आशिका ग्लोबल फैमिली ऑफिस सर्विसेज (Ashika Global Family Office Service) के सह-संस्थापक अमित जैन (Amit Jain) ने कहा कि हाल के ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद अगर इजरायल ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता है तो गहरे करेक्शन से इनकार नहीं किया जा सकता है। भारतीय बैंकिंग और वित्तीय सेवा उद्योग में 18 साल का अनुभव रखने वाले जैन ने कहा, झटके न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के बाजारों में महसूस किए जाएंगे। कम से कम अल्पावधि के लिए महसूस होंगे। उनके पास ऐसे करेक्शन के लिए एक प्लान है। अगर कोई ग्लोबल करेक्शन होता है, तो "मैं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर हांगकांग टेक सेक्टर के लिस्टेड ईटीएफ में 20 प्रतिशत पैसा लगाऊंगा। बाकी 80 प्रतिशत पैसा भारतीय बैंकिंग, एफएमसीजी और स्पेशल केमिकल थीम्स में लगाऊंगा।" जैन ने मनीकंट्रोल को दिये एक साक्षात्कार में ऐसा कहा।
क्या ईरान-इजरायल संघर्ष से अल्पावधि में बाजार में बड़ा करेक्शन आ सकता है?
पिछले सप्ताहांत ईरान ने इजरायल पर 300 से अधिक मिसाइलों से हमला किया था। ये पिछले 40 वर्षों में इजरायल पर ईरान के सबसे बड़े हमलों में से एक था। यह एक गंभीर चिंता का विषय है। इजरायल को जानते हुए इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि अगले 10 दिनों के भीतर इजरायल दोगुनी ताकत से ईरान पर जवाबी हमला करेगा।
हालांकि अमेरिका और जी-7 देश इजरायल को इस हमले को टालने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि ईरान के हमले में शायद ही कोई हताहत हुआ हो। लेकिन अगर इजरायल द्वारा हमला होता है तो इससे न सिर्फ भारतीय शेयर बाजार को झटका लग सकता है, बल्कि कम से कम शार्ट टर्म के लिए ग्लोबल मार्केट को झटका लग सकता है।
अगर बाजार में बड़ी गिरावट आती है तो आप अपना पैसा कहां लगाएंगे?
यदि अल्पावधि में वैश्विक शेयर बाजार में करेक्शन आता है, तो मैं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर हांगकांग टेक सेक्टर के लिस्टेड ईटीएफ में 20 प्रतिशत पैसा लगाऊंगा। जबकि शेष 80 प्रतिशत पैसा भारतीय बैंकिंग, एफएमसीजी और स्पेशल केमिकल सेक्टर में लगाऊंगा।
बैंकिंग सेक्टर के भीतर, मैं निजी क्षेत्र के बैंकों में 60 प्रतिशत और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 40 प्रतिशत पैसा निवेश करूंगा। एफएमसीजी सेक्टर से मैं मध्यम से लंबी अवधि के नजरिए से हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever)को 2,200 रुपये और डाबर (Dabur)को 490 रुपये पर लेने को प्राथमिकता दूंगा।
भारतीय दूरसंचार क्षेत्र वर्तमान में 5G तकनीक के रोलआउट और हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी की बढ़ती मांग के कारण विकास का अनुभव कर रहा है। इस सेक्टर की प्रमुख कंपनियां इंडस्ट्री के विकास को गति देने के लिए बुनियादी ढांचे की जरूरतों में निवेश कर रहे हैं।
सेक्टर के नजरिए से, मैं बुलिश हूं, हालांकि, शेयर बाजार के नजरिए से, इन कंपनियों का मौजूदा कीमतों पर वैल्यूएशन वाजिब है।
इस कमाई के मौसम में आप किन सेक्टरों पर सबसे ज्यादा नजर रख रहे हैं?
मैं आईटी, स्पेशल केमिकल्स, एफएमसीजी और बैंकिंग सेक्टर की अर्निंग ग्रोथ पर फोकस कर रहा हूं। आईटी और बैंकिंग सेक्टर में भी, मैं मिडकैप आईटी कंपनियों और मिडकैप बैंकों की ग्रोथ देखने का इच्छुक हूं। मेरे व्यक्तिगत विचार में, इन दो क्षेत्रों में मध्यम से लंबी अवधि में अगले मल्टीबैगर्स स्टॉक्स देखने को मिल सकते हैं।
FMCG सेक्टर अगले एक साल के लिए आश्चर्यजनक रूप से विजेता साबित हो सकता है। इसकी वजह ये है कि मानसून की भविष्यवाणी काफी अनुकूल रही है। इसके अलावा चुनावी वर्ष में, राजनीतिक दलों द्वारा ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सारा पैसा लगाया जाता है। इससे एफएमसीजी क्षेत्र में अंतर्निहित मांग पैदा होगी।
क्या इस वित्त वर्ष में आईटी सेक्टर आकर्षक दिखने लगेगा?
भारतीय आईटी सेक्टर की बुनियाद मजबूत है और उम्मीद है कि भारतीय इक्विटी में निवेश की गति बरकरार रहेगी। भारतीय आईटी सेक्टर में आने वाले धन की सटीक मात्रा अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की गति और मात्रा पर निर्भर करेगी।
मैं गुरुवार (18 अप्रैल) को इंफोसिस (Infosys)द्वारा दिए जाने वाले गाइडेंस पर उत्सुकता से नजर रख रहा हूं। ये आईटी सेक्टर्स की राह तय करेगा। अपने शिखर से 15 प्रतिशत की गिरावट के बाद इंफोसिस 1,400 रुपये के मौजूदा स्तर पर अच्छा लग रहा है।
क्या सितंबर से पहले फेड फंड दर में कटौती संभव है?
CY 2024 की शुरुआत में, कई शेयर बाजार एनालिस्ट्स दरों में कम से कम तीन से चार कटौती की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि, नवीनतम अमेरिकी मुद्रास्फीति आंकड़ों से ऐसा लगता है कि यूएस फेड पहले कहे गये चार कटौती की बजाय ब्याज दर में 25 प्वाइंट्स की दो किश्तों में कटौती कर सकता है। इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि दर में कटौती की एक किश्त अमेरिकी चुनाव से पहले यानी अक्टूबर से पहले की जाएगी।
(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)