भारत दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। नियर से मीडियम टर्म में भारत दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी भी रहेगी। अगर रूस यूक्रेन की लड़ाई रुक जाती है और विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत का रुख करते हैं तो सेंसेक्स 70000 का लेवल पार कर सकता है।
ये बातें TradeSmart के विजय सिंघानिया ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहीं। हालांकि उन्होंने इस बातचीत में यह भी कहा कि बाजार में कुछ बातों को लेकर चिंता भी है। आने वाली ठंडी में यूरोप में गैस सप्लाई बाधित होने, चाइना की संभावित मंदी, चीन के बैंकिंग सेक्टर का अभूतपूर्व सकंट बाजार की बैचेनी बढ़ा रहे हैं।
विजय सिंघानिया का मानना है कि भारत की मजबूत ग्रोथ और ग्लोबल स्थितियों में अनिश्चितता को देखते हुए हमें निवेश के लिए ऐसे सेक्टरों पर फोकस करना चाहिए जो खपत और खासकर घरेलू खपत से जुड़े हैं। ये सेक्टर इस समय निवेश का सबसे बेहतर विकल्प नजर आ रहे हैं। खपत से जुड़ी अधिकांश कंपनियों का कर्ज लेवल बहुत कम है और इनका कैशफ्लो भी काफी अच्छा नजर आ रहा है। जिससे खपत से जुड़ी कंपनियां अनिश्चितता भरे माहौल में ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर सकेंगी।
इस बातचीत में उन्होंने कहा कि अमेरिका , यूरोप और चीन की मंदी भारत की कुछ सेक्टर में निवेश के मौके दे रही है। इसमें खपत वाले सेक्टर के अलावा रियल्टी, ऑयल एंड गैस, हॉस्पिटैलिट , होटल जैसे सेक्टर शामिल हैं। हमें इन सेक्टर के शेयरों पर नजर रखनी चाहिए। शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि मंदी का आईटी सेक्टर पर असर नहीं पड़ रहा है। ऐसे में इस सेक्टर को भी रडार पर रखना चाहिए।
भारत की इकोनॉमी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की इकोनॉमी दुनिया की सबसे मजबूत इकोनॉमी में से एक है और यह आगे भी बनी रहेगी। भारत के मजबूत विकास में आगे इंफ्रास्ट्रक्चर और उससे जुड़े सेक्टर, केमिकल्स , आईटी , टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल और डिफेंस की महत्तवपूर्ण भूमिका होगा।
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