भारत, निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई महंगाई और बढ़ती ब्याज दर जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। देश की ग्रोथ की स्टोरी सही रास्ते पर है। ये बातें PGIM India Asset Management के हेड ऑफ इक्विटीज अनिरुद्ध नाहा ने मनीकंट्रोल से हुई एक बातचीत में कही हैं। यहां हम आपके लिए इसी बातचीत का संपादित अंश दे रहे हैं। बता दें कि अनिरुद्ध नाहा को इक्विटी और डेट मार्केट का 18 सालों से ज्यादा का अनुभव है। इनका कहना है कि साफ सुथरी बैलेंस शीट और मजबूत कैश फ्लो इकोनॉमी के लिए शुभ संकेत हैं।
महंगाई दर और बढ़ती ब्याज दरों पर रहे नजर
अनिरुद्ध नाहा PGIM India के फ्लेक्सी कैप, स्मॉल कैप और मिडकैप अपॉर्च्युनिटीज फंड का मैनेजमेंट करते हैं। उन्होंने 6 ऐसे अहम फैक्टर्स की पहचान की है जो भारतीय और ग्लोबल दोनों फाइनेंशियल मार्केट पर अपना असर डाल सकते हैं। उनका कहना कि ग्लोबल और घरेलू बाजार की चाल का अंदाजा लगाने के लिए हमको महंगाई दर, बढ़ती ब्याज दरों, ग्लोबल स्तर पर कर्ज के बोझ, जियोपोलिटिकल तनाव, यूरोप के एनर्जी संकट और कॉर्पोरेट अर्निंग की दशा और दिशा पर अपनी नजरें बनाए रखनी चाहिए।
भारत की ग्रोथ स्टेरी काफी मजबूत
भारत की इकोनॉमी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रोथ के नजरिए से देखें तो भारत की इकोनॉमी तुलनात्मक रूप से काफी अच्छी स्थिति में दिख रही है। खराब ग्लोबल स्थितियों के चलते नियर टर्म में भले ही वोलैटिलिटी दिख रही हो। लेकिन लंबे नजरिए से देखें तो भारत की इकोनॉमी तुलनात्मक रूप से काफी अच्छी दिख रही है।
PSU स्टॉक्स के वैल्यूएशन नजर आ रहे अच्छे
इक्विटी बाजार पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि पीएसयू बैंक सहित पीएसयू कंपनियां काफी अच्छी तरह से कैपिटलाइज्ड हैं। ये काफी मजबूत स्थिति में हैं। कुछ कंपनियां तो अपने सेक्टर में एकाधिकार जैसी स्थिति रखती हैं। पीएसयू बैंक खराब एसेट क्वालिटी के दौर से बाहर आ गए हैं और इस समय इनके पास काफी अच्छी मात्रा में पूंजी देखने को मिल रही है। PSU स्टॉक्स के वैल्यूएशन भी बाजार के दूसरे पॉकेट्स की तुलना में काफी अच्छे दिख रहे हैं। अगर इनका कारोबार मुनाफे और कैश फ्लो में मजबूती के अंतिम लक्ष्य के साथ ग्रोथ जारी रखता है तो ये कंपनियां लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देना जारी रख सकती हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और मेन्युफैक्चरिंग पर सरकार का फोकस
वर्तमान सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर और मेन्युफैक्चरिंग पर लगातार फोकस बनाए हुए है। सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इन्ंसेटिव स्कीम के जरिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रोत्साहन दे रही है। इसके साथ ही इस सेक्टर में निजी निवेश भी बढ़ता नजर आ रहा है। ऐसे में हमें इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े शेयरों में आगे अच्छी संभावना दिख रही है।
नए जमाने की टेक कंपनियों के पॉजिटिव कैश फ्लो में आने का इंतजार
नए जमाने की इंटरनेट आधारित कंपनियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पॉजिटिव कैश फ्लो के अभाव और कमजोर बैलेंस सीट को देखते हुए हम इस तरह की कंपनियों को लेकर काफी कंजरवेटिव रहे हैं। इसके अलावा इनका वैल्यूएशन भी काफी महंगा है। अभी तक ये कंपनियां मुनाफे में नहीं हैं। ऐसे में हम इन कंपनियों के पॉजिटिव ऑपेरटिंग कैश फ्लो में आने का इंतजार करेंगे।
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