Daily Voice : निवेश के नजरिए से इंडस्ट्रियल स्टॉक काफी अच्छे लग रहे हैं। भारत में विकसित हो रही माइक्रो और मैक्रो स्थितियों को देखते हुए भारत में इंडस्ट्रियल स्पेस में ग्रोथ की काफी संभावना दिख रही है। इसके अलावा मैन्यूफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स शेयरों में भी आगे जोरदार तेजी की संभावना दिख रही है। ये बातें मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस के रोहित अग्रवाल ने कही हैं। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि देश में शुरू हुआ निवेश चक्र अभी अभी भी पूरी तरह से गति में नहीं आया है अभी इसमें और तेजी आएगी। निजी कंपनियों द्वारा विस्तार योजनाओं पर होने वाला खर्च अभी भी पूरी तरह से गतिशील नहीं हुआ है। हालांकि सरकार की तरफ से होने वाले निवेश में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है।
रोहित के निवेश को नजरिए से डिफेंस, ऑटो एंसिलरी और केमिकल शेयर भी पसंद हैं। इस बातचीत में उन्होंने ये भी बताया कि वे गोल्ड फाइनेंसिंग और अफोर्डेबल हाउसिंग शेयरो पर बड़ा दांव नहीं लगा रहे हैं। इनमें ग्रोथ की कोई खास उम्मीद नहीं दिख रही है।
क्या आपको लगता है कि कोर महंगाई की तुलना में खाने-पीने की चीजों की महंगाई चिंता का एक बड़ा कारण है? इस पर रोहित ने कहा कि अगले कुछ महीनों में भारत की महंगाई दर काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि खाने-पीने की चीजें कितनी महंगी हुई हैं। सब्जियों (विशेष रूप से टमाटर), चावल और दाल की कीमतों के कारण हाल ही में आई जुलाई की महंगाई दर 7.4 फीसदी रही। ये उम्मीद से काफी ज्यादा है। बताते चलें की खाने-पीने की चीजों 'टिकाऊ' के साथ-साथ कुछ 'अस्थायी' घटक भी होते हैं। जैसे टमाटर एक छोटे फसल चक्र के साथ तेजी से खराब होने वाली वस्तुएं हैं। ऐसे में टमाटार, प्याज और आलू जैसी चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की घटनाएं आमतौर पर कम समय के लिए होती हैं।
खाने-पीने की चीजों की महंगाई में ज्यादा जोखिम चावल और दालों से है। उत्पादन से जुड़ी चिंताओं के बीच पूरी दुनिया में चावल की कीमतें बढ़ रही है। घरेलू चावल की कीमतें भी पिछले वर्ष की तुलना में काफी बढ़ी हैं। हालांकि पिछले कुछ हफ्तों में भारत में धान की बुआई में तेजी आई है। लेकिन मानसून के बाद हिस्से में अल नीनो के जोर पकड़ने की चिंता है। इसी तरह दालों की बुआई भी पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी कम रही है। ये चिंता का विषय है।
क्या आपको लगता है कि वित्तीय वर्ष की बाकी की अवधि में मिड और स्मॉलकैप का प्रदर्शन लार्ज कैप से बेहतर रहेगा? इस पर रोहित ने कहा कि हां आगे भी छोटे-मझोले शेयर दिग्गजों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते दिख सकते हैं। हाल के दिनों में भारत के मैक्रो आंकड़े थोड़े खराब रहे हैं। इसलिए बाजार पर कुछ दबाव आया है। अगर महंगाई में गिरावट होती है तो ब्रॉडर मार्केट एक बार फिर से जोर पकड़ते दिखेंगे।
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