सेंट्रम ब्रोकिंग के सीईओ (इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज)जिग्नेश देसाई का मानना है कि आगे कंपनियों का आय में बढ़त देखने को मिलेगी। उनकी यह भी राय है कि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही से कंपनियों की आय में बढ़त दिखनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "मैं बेहतर आय की उम्मीद कर रहा हूं, क्योंकि अधिकांश कंपनियों ने ग्रोथ के लिए धन जुटाया है और आने वाले सालों में कंपनियों की आय में इसका असर दिखने की उम्मीद है।" उनका मानना है कि एफएमसीजी,सीमेंट,कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑटो तथा ऑटो एंसिलरी अच्छे निवेश विकल्प हो सकते हैं। यहां हम आपके लिए इस बातचीत का संपादित अंश दे रहे हैं।
क्या ग्लोबल ट्रेड से जुड़े तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता को देखते हुए एक्सपोर्ट के बजाय घरेलू इकोनॉमी से जुड़े शेयरों पर फोकस करना बेहतर है?
हां, मौजूदा जियोपोलिटिकल और ट्रेड संबंधी अनिश्चितताओं,खासकर अमेरिकी टैरिफ नीति से उपजी अनिश्चितताओं को देखते हुए,घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर कंपनियों पर फोकस करना ज्यादा बेहतर रणनीति होगी। करों में कटौती,खाने पीने की चीजों की महंगाई घटनो और आरबीआई द्वारा दरों में कटौती से भारत की खपत में सुधार होने की संभावना है। टैरिफ वार के चलते पैदा हुए तनावों के बीच घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर स्टॉक ज्यादा बेहतर दिख रहे हैं।
नहीं, टेक्नोलॉजी शेयरों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर शेयरों में फोकस करना चाहिए, लेकिन टेक्नोलॉजी विशेष रूप से आईटी और सर्विसेज से जुड़े शेयरों में मजबूती बनी हुई हैं। यह सेक्टर भारत के निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान करता हैं। इस सेक्टर में बीएफएसआई जैसे वर्टिकल में हरियाली देखने को मिल रही है। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित सॉल्यूशनों से भारतीय आईटी कंपनियों में ग्रोथ की अगली लहर को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इलके साथ ही इस समय भारतीय आईटी कंपिनियों का वैल्यूएशन इस समय काफी अच्छा हो गया है। इनके भाव पिछले 5 साल के औसत से काफी नीचे चले गए हैं। इसलिए, ग्लोबल ट्रेड के तनावों के बावजूद,टेक्नोलॉजी शेयर आकर्षक बने हुए हैं। टियर 1 टियर 2 में चुनिंदा स्टॉक जैसे कि इंफोसिस,एलटीआईमाइंडट्री, कोफोर्ज आदि में निवेश किया जा सकता है।
इस समय किन सेक्टर के शेयरों को पोर्टफोलियो में शामिल किया जाना चाहिए और क्यों?
एफएमसीजी, सीमेंट, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स,ऑटो और ऑटो एंसिलरी आगे के लिए अच्छे दांव साबित हो सकते हैं। इन सेक्टरों को कर कटौती के साथ-साथ महंगाई में कमी का फायदा मिलेगा। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर (सड़कें, रिन्यूएबल एनर्जी, बंदरगाह, शहरी विकास) पर लगातार हो रहे सरकारी निवेश से विकास,रोजगार और बेहतर लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा मिलेगा। चूंकि BFSI सेक्टर घरेलू इकोनॉमी पर ही ज्यादा निर्भर होता है,इसलिए इस सेक्टर को ग्लोबल अनिश्चितताओं से कोई जोखिम नहीं है। इस समय BFSI शेयरों का वैल्यूएशन भी काफी अच्छा हो गया है। यह सेक्टर आने वाले वर्षों में अच्छा प्रदर्शन करेगा।
क्या आप इस बात से सहमत हैं कि बाजार अब अपने बॉटम पर पहुंच चुका है? अगर हां, तो क्या आपको 2025 की दूसरी छमाही में नए रिकॉर्ड हाई की उम्मीद है?
हां,बाजार संभवतः अपने निचले स्तर पर पहुंच चुका है,या हम निचले स्तर के करीब हैं,क्योंकि ट्रंप के टैरिफ को लेकर डर थोड़ा कम हुआ है। अभी के लिए एक नए रिकॉर्ड हाई के बारे में सेचना थोड़ा दूर की कौड़ी लग रही है। लेकिन उपभोक्ता मांग में बढ़त, RBI द्वारा आगे दरों में कटौती की उम्मीद , महंगाई में कमी और आगे बेहतर कॉर्पोरेट आय की संभावना फैक्टर कारक बाजार में तेजी ला सकते हैं। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में अर्निंग, वैल्यूएशन के बराबर हो जाएगी और बाजार में स्थिरता आएगी।
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