क्रेडिट सुइस वेल्थ मैनेजमेंट, इंडिया के जीतेंद्र गोहिल का कहना है कि निफ्टी का वैल्यूएशन अच्छा है। लेकिन यह इतना सस्ता भी नहीं है कि एकमुश्त खरीदारी की जाए। गोहिल ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में आगे कहा कि हालांकि उनकी फर्म भारत के मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण रखती है लेकिन भारत के इक्विटी मार्केट पर उसका नजरिया तटस्थ है। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक बाजार की अनिश्चितता को देखते हुए किसी तेज गिरावट के बाद ही खरीदारी की सलाह होगी।
कैपिटल मार्केट का दो दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले जीतेंद्र गोहिल का कहना है कि बैंकिंग शेयर उनको अच्छे लग रहे हैं। आगे बैंकिंग सेक्टर की तेजी आईटी कंपनियों की कमजोरी की भरपाई कर देगी।
भारत में महंगाई नियंत्रण में रहने की उम्मीद
अमेरिका और भारत में केंद्रीय बैंकों की नितियों पर बात करते हुए जीतेंद्र गोहिल ने कहा कि ब्याज दरों पर यूएस फेड की नीतियों में कड़ाई जारी रह सकती है। वहीं, आरबीआई की नीतियों में नरमी रहने की उम्मीद है। इस बात की संभावना दिख रही है कि यूएस फेड मई में दरें बढ़ाएगा और कैलेंडर वर्ष के बाद के हिस्से में भी ब्याज दरें ऊंचे स्तरों पर ही रहेंगी। उम्मीद है कि यूएस फेड की तरफ से दरों में बढ़त पर लगाम लगने के बाद आरबीआई वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही से दरों में कटौती शुरू कर सकता है। आगे भारत में हमें महंगाई भी नियंत्रण में रहने की उम्मीद है। ऐसे में बाजार में गिरावट की खरीद की हमारी सिफारिश कायम है। उम्मीद है कि इस साल की दूसरी छमाही से बाजार में तेजी देखने को मिलेगी।
ब्याज दरों में बढ़त रुकने के बाद FPI भी करेंगे भारत की तरफ रुख
जीतेंद्र ने आगे कहा कि फेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़त रुकने के बाद FPI एक बार फिर से जोरदार खरादारी करते दिखेंगे। भारत का लॉन्ग टर्म आउटलुक काफी अच्छा है। दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर बिकवाली के बाद भारतीय इक्विटी मार्केट में एफपीआई की हिस्सेदारी लगभग 10 साल के निचले स्तर पर है। जबकि ईएम इंडेक्स में भारत का वेटेज प्री-कोविड स्तर से काफी ज्यादा हो गया है।
एशिया में भी पनप रहा भू-राजनीतिक तनाव, बनी रहे नजर
उन्होंने ये भी कहा कि इस सबके बावजूद भारतीय इक्विटी मार्केट के लिए कुछ संभावित खतरे भी है। अगर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त होती है ओर देश में सूखे जैसी स्थिति बनती है तो इसका इक्विटी मार्केट पर निगेटिव असर होगा। इसके साथ ही एशिया में भी भू-राजनीतिक तनाव पनप रहा है। इस पर अधिक ध्यान देने की जरूर है।
घरेलू अर्थव्यवस्था पर निर्भर रहने वाले सेक्टर अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखेंगे
कौन से सेक्टर निवेश के लिए नजर आ रहे अच्छे? इस सवाल के जवाब में जीतेंद्र गोहिल ने कहा कि उनको लगता है कि घरेलू अर्थव्यवस्था पर निर्भर रहने वाले सेक्टर अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखेंगे। गिरती ब्याज दर के माहौल में एनबीएफसी, ऑटो, रियल एस्टेट और बैंकिंग और वित्तीय सेक्टर को अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए। रक्षा क्षेत्र अभी भी आकर्षक लगता है। यह हमारा सबसे पसंदीदा क्षेत्र बना हुआ है। आईटी सेक्टर पर जीतेंद्र गोहिल अंडरवेट हैं। मीडियम टर्म के नजरिए से केमिकल शेयर भी जीतेंद्र गोहिल को पसंद हैं।
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