2023 इक्विटी मार्केट के लिए काफी बेहतर रहेगा। देश में प्राइवेट सेक्टर की तरफ से होने वाले निवेश में तेजी आ रही है। अर्निंग में भी मजबूती देखने को मिल रही है। इसके अलावा पिछले 1 साल के दौरान बाजार में हुए टाइम और प्राइस करेक्शन के चलते वैल्यूएशन भी अच्छे हो गए हैं। ये बाजार के लिए बेहतरी के संकेत दे रहे हैं। ये बातें CapGrow Capital Advisors के फाउंडर और चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर अरुण मल्होत्रा ने मनीकंट्रोल के साथ हुई एक बातचीत में कही हैं। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की 3 नवंबर को मीटिंग होने वाली है। संभावना है कि इस मीटिंग में आरबीआई महंगाई पर लगाम कसने के लिए अपनी नीति दर में 0.25 फीसदी और 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।
इक्विटी मार्केट का 30 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले अरुण मल्होत्रा का मानना है कि 2021 में आए आईपीओ के दौरान नए जमाने की टेक्नोलॉजी आधारित कंपनियों में गैर जरूरी फुलाव देखने को मिला था। उनमें से अधिकांश की हवा काफी हद तक अब निकल चुकी है। जिसके चलते अब इनके वैल्यूएशन बेहतर नजर आ रहे हैं।
निवेश के लिए पीएसयू बैंकों की तुलना में प्राइवेट बैंक ज्यादा अच्छे
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए अरुण मल्होत्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में पीएसयू बैंकों की ब्याज से होने वाली कमाई में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। इसके साथ ही इस अवधि में एनपीए के लिए किए जाने वाले प्रावधान में भी गिरावट आई है, कर्ज की लागत घटी है और इनकी रिटर्न ऑन एसेट काफी अच्छी रही है। ऐसे में पीएसयू बैंक शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली है। कुछ पीएसयू बैंक तो 1 साल में 50 फीसदी तक भाग गए है। पीएसयू बैंकों की तुलना में अब प्राइवेट बैंक ज्यादा अच्छे दिख रहे हैं।
निवेश के लिए इन सेक्टरों और थीम पर रहे नजर
किन सेक्टरों और थीम पर निवेश के नजरिए से है आपकी नजर? इस सवाल का जवाब देते हुए अरुण मल्होत्रा ने कहा कि टेक्नोलॉजी आधारित नए जमाने की डिजटल कंपनियां और इलेक्ट्रिक व्हीकल और कंपोनेट पर फोकस वाली कंपनियां आगे अच्छी ग्रोथ करती नजर आ सकती हैं। ईवी के छौंक के चलते ऑटो सेक्टर भी बेहतर प्रदर्शन करता नजर आ सकता है।
आगे केमिकल कंपनियों भी चीन प्लस वन और अब यूरोप प्लस वन की पॉलिसी के चलते बेहतर करती नजर आ सकती हैं। इसके अलावा इंटरनेट आधारित नए जमाने की ई-कॉमर्स कंपनियां, पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां, इनोवेटिव मेड टेक और सॉल्यूएशंस के जरिए काम करने वाली फार्मा सेक्टर की लीडर कंपनियां और तमाम आईटी कंपनियां आगे अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। ये कंपनियां टेक्नोलॉजी में लगातार और तेजी से हो रहे बदलाव और उसके अनुसार कंज्यूमर के व्यवहार में आने वाले बदलाव का फायदा उठाने के लिए सबसे बेहतर स्थिति में नजर आ रही हैं।
(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।)