जेएम फाइनेंशियल एसेट मैनेजमेंट (JM Financial Asset Management)के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफीसर सतीश रामनाथन (Satish Ramanathan) का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ के लिए आशा का किरण बनी रहेगी। मनीकंट्रोल के साथ हुआ एक बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि उनको उम्मीद है कि ग्रोथ मोमेंटम आगे भी जारी रहेगा। हालांकि वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही की ग्रोथ रेट दूसरी छमाही की तुलना में थोड़ी कम रह सकती है। इस ग्रोथ को बनाए रखने में कंज्यूमर सेंटीमेंट में सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ते फोकस का अहम योगदान होगा।
निवेश के जरिए से बैंकिंग सेक्टर अच्छा
निवेश के जरिए से सतीश रामनाथन को बैंकिंग सेक्टर अच्छा लग रहा है। उनका कहना कि देश के सभी तरह के बैंकों के अर्निंग और एसेट क्वालिटी में सुधार देखने को मिल रहा है। ऐसे में बड़े प्राइवेट बैंक, पीएसयू बैंक और NBFC शेयरों में निवेश के अच्छे मौके नजर आ रहे हैं।
अमेरिका ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी से इकोनॉमी को नुकसान
क्या अमेरिका में ब्याज दरों की बढ़ोतरी पर विराम की संभावना है? इस सवाल का जबाव देते हुए सतीश रामनाथन ने कहा कि हम कभी भी यूएसफेड की नीतियों को लेकर आश्वस्त नहीं रह सकते हैं। लेकिन एक बात साफ है कि अब तक यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरों में की गई लगातार बढ़ोतरी से भारी मार्क- टू-मार्केट घाटा हुआ है। इससे छोटे अमेरिकन बैंकों को भारी नुकसान हुआ है। अमेरिका ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी से इकोनॉमी को नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ रही है। ऐसे में यह देखना रुचिकर होगा कि यूएसफेड की नीतियां कैसी रहती हैं।
ऑटो इंडस्ट्री भारी तकनीकी बदलाव के दौर में
ऑटो सेक्टर पर बात करते हुए सतीश ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल के नजरिए से देखें तो ऑटो इंडस्ट्री इस समय भारी तकनीकी बदलाव के दौर में है। ऐसे में आगे जो कंपनियां ईवी सेक्टर पर फोकस बनाए रहेंगी। वो फायदे में रहेंगी। दुनिया भर में चाइना प्लस बन पॉलिसी को अपनाए जाने के साथ ही भारत की ऑटो कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों के लिए एक्सपोर्ट के अच्छे मौके होंगे।
बैंकिंग के अलावा कंज्यूमर ड्यूरेबल, ऑटो और FMCG सेक्टर का प्रदर्शन भी रहेगा अच्छा
वित्त वर्ष 2024 में किन सेक्टर में अच्छे अर्निंग ग्रोथ की संभावना है। इस सवाल का जवाब देते हुए सतीश रामनाथ ने कहा कि बैंकिंग के अलावा कंज्यूमर ड्यूरेबल, ऑटो और FMCG सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। कच्चे माल की कीमतों में गिरावट और ग्रामीण मार्केट में रिकवरी के चलते कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ऑटो और एफएमसीजी को फायदा होगा। इसके अलावा वॉल्यूम में ग्रोथ और निम्न उत्पादन लागत के चलते टेक्सटाइल सेक्टर में भी सुधार की संभावना है।
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