बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड में इक्विटी सेगमेंट के सीनियर फंड मैनेजर शिव चनानी का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में निफ्टी 50 कंपनियों के लिए कुल मुनाफे में लो सिंगल डिजिट ग्रोथ की ही संभावना है। उन्होंने आगे कहा कि टेलीकॉम,मेटल,कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी और हेल्थ सर्विस जैसे सेक्टरों में हेल्दी डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज होने की संभावना है,जबकि तेल और गैस और सीमेंट सेक्टरों में सालाना आधार पर आय में गिरावट होने की आशंका है। वे FMCG सेक्टर पर काफी पॉजिटिव हैं।
इक्विटी रिसर्च और एसेट मैनेजमेंट में 24 साल का अनुभव रखने वाले शिव चनानी का मानना है कि कर छूट से मिलने वाले फायदे के कारण शहरी मांग में सुधार होने की संभावना है,इसलिए FMCG सेक्टर में आगे अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।
क्या आप मानते हैं कि वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में आय में गिरावट जारी रहेगी, खासकर टैरिफ घोषणाओं के बाद? इस पर शिव चनानी ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में दो विपरीत फैक्टर एक साथ देखने को मिल रहे हैं। एक ओर,यूएस टैरिफ के कारण ग्लोबल बाजार में अनिश्चितता है और यह स्पष्ट नहीं है कि स्थितियां कैसी करवट लेंगी। दूसरी ओर बजट में कर कटौती के बाद डिस्क्रिशनरी खर्च में सुधार की उम्मीद के चलते घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं।
इसके साथ ही,हमें यह भी याद रखना चाहिए कि पिछले साल की पहली छमाही में चुनावों के कारण इकोनॉमिक गतिविधियां काफी धीमी हो गई थीं। ऐसे में हमारे पास एक अनुकूल बेस है। कुल मिला कर वित्त वर्ष 2026 की अर्निंग ग्रोथ 10 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है। जो ओवरऑल नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ के मुताबिक है। ऐसे में ओवरऑल बेसिस पर अर्निंग डाउनग्रेड का जोखिम कम है बशर्ते कि ग्लोबल इकोनॉमी में कोई बड़ी मंदी न आए।
इस हफ्ते TCS के नतीजों साथ शुरू होने वाले Q4 अर्निंग सीजन के लिए आपकी क्या उम्मीदें हैं?
इसके जवाब में शिव चनानी ने कहा निफ्टी 50 कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ सिंगल डिजिट में रहने की संभावना है। हालांकि टेलीकॉम,मेटल, कंज्यूमर डिस्क्रीशनरी और हेल्थकेयर जैसे सेक्टरों में डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना है। वहीं, तेल एवं गैस और सीमेंट सेक्टर की आय में सालाना आधार पर गिरावट होने की संभावना है।
हालांकि, यह समझना जरूरी है कि तेल और गैस सेक्टर की आय तिमाही आधार पर अस्थिर होती है। सीमेंट सेक्टर के मुनाफे में सालाना आधार पर गिरावट की संभावना है, लेकिन तिमाही आधार पर इसमें अच्छा सुधार होने की संभावना है।
क्या वित्त वर्ष 2026 में भी आईटी कंपनियों की आय में गिरावट देखने को मिलेगी?
इसके जवाब में शिव चनानी ने कहा आईटी सेक्टर के लिए दो फैक्टर काम कर रहे हैं। यूएस टैरिफ के चलते निकट अवधि के लिए अनिश्चितता बनी हुई है। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी का भी डर है। दूसरी और प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अमेरिकी कंपनियों को एआई जैसी नई तकनीकों पर खर्च करने की जरूरत है। ऐसे में हमें आईटी सेक्टर में निवेश के लिए बॉटम अप रणनीति अपनाने की सलाह होगी। शिव का कहना है कि इस सेक्टर की कुछ कंपनियां बेहतर प्रदर्शन करेंगी। जबकि कुछ को मैक्रो हेडविंड की वजह से मांग में गिरवाट के कारण दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
क्या आपको Q3 की तुलना में Q4 में FMCG में बेहतर अर्निंग ग्रोथ की उम्मीद है?
FMCG सेक्टर शहरी मांग में मंदी के साथ-साथ चुनिंदा कच्चेमाल की लागत में बढ़त के कारण खराब परिस्थितियों का सामना कर रहा है। ऐसे में FMCG कंपनी की आय में लो सिंगल डिजिट ग्रोथ की ही संभावना है। इसके चलते इनके मार्जिन पर दबाव पड़ने की संभावना है। अच्छी बात यह है कि,इस सेक्टर के लिए नजरिया पॉजिटिव। बजट में मिली कर छूट से शहरी मांग में फिर से बढ़त होने की संभावना है। कुल मिलाकर यह सेक्टर अच्छा लग रहा है।
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