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Daily Voice: इस दिग्गज निवेश रणनीतिकार को इन 5 सेक्टरों में दिख रहे कमाई के अवसर, जानिए वजह

ओमनीसाइंस के विकास गुप्ता का मानना ​​है कि शॉर्ट टर्म में इक्विटी बाजार की नजरें अमेरिकी चुनाव, मध्य पूर्व में तनाव, चीन के प्रोत्साहन पैकेज और इस साल यूएस फेड बाकी बची बैठकों पर रहेंगी। विकास गुप्ता ओमनीसाइंस कैपिटल के सीईओ और मुख्य निवेश रणनीतिकार हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 16, 2024 पर 11:03 AM
Daily Voice: इस दिग्गज निवेश रणनीतिकार को इन 5 सेक्टरों में दिख रहे कमाई के अवसर, जानिए वजह
विकास गुप्ता का मानना ​​है कि शॉर्ट टर्म में इक्विटी बाजार की नजरें अमेरिकी चुनाव, मध्य पूर्व में तनाव, चीन के प्रोत्साहन पैकेज और इस साल यूएस फेड बाकी बची बैठकों पर रहेंगी।

ओमनीसाइंस कैपिटल के विकास गुप्ता को बैंक, पावर, आईटी, हाउसिंग फाइनेंस और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में निवेश के अवसर दिख रहे हैं, जिसके बारे में उनका मानना ​​है कि विकास के अगले चरण से इन सेक्टरों फायदा मिल सकता है। उनके मुताबिक , FMCG सेक्टर में, प्योर FMCG स्टॉक ओवरवैल्यूड बने हुए हैं। कैपिटल मार्केट का 20 सालों से अधिक का अनुभव रखने वाले ओमनीसाइंस के सीईओ और मुख्य निवेश रणनीतिकार ने कहा कि प्योर FMCG स्टॉक के बजाय, वे उन कंपनियों में निवेश करना पसंद करते हैं जो खपत को बढ़ाने वाली फाइनेंसिंग करती हैं, लॉजिस्टिक्स, पेमेंट या सहायक सेवाएं प्रदान करती हैं और जो बढ़ते उपभोग से फायदा उठाती और बेहतर वैल्यू प्रदान कर सकती हैं।

विकास गुप्ता का मानना ​​है कि शॉर्ट टर्म में इक्विटी बाजार की नजरें अमेरिकी चुनाव, मध्य पूर्व में तनाव, चीन के प्रोत्साहन पैकेज और इस साल यूएस फेड बाकी बची बैठकों पर रहेंगी। उनका मानना ​​है कि इस उथल-पुथल के बीच बाजार संभवतः वर्ष समाप्त होने से पहले अपनी दिशा पा लेगा।

क्या आपको दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद आईटी सेक्टर में ग्रोथ की नई तेजी की उम्मीद है? इसके जवाब में विकास ने कहा कि फेड द्वारा दरों में ढील दिए जाने की उम्मीदों के साथ आईटी सेक्टर में तेजी की उम्मीद थी। लेकिन, मध्य पूर्व में संभावित युद्ध के डर और आगामी अमेरिकी चुनावों जैसी अनिश्चितताओं ने नई चिंताएं पैदा कर दी हैं। ये कारण महंगाई को बढ़ा सकते, जिससे आईटी की दिशा साफ होने में कुछ हफ्तों का समय और लग सकता है।

यदि मध्य पूर्व संघर्ष बढ़ता है, तो यह तेल आपूर्ति और एशिया-यूरोप सप्लाई चेन को बाधित कर सकता है, जिससे संभवतः महंगाई बढ़ सकती है। इससे केंद्रीय बैंकों के लिए दरों में कटौती शुरू करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। हालांकि इस स्थिति की संभावना कम है, लेकिन अभी भी आईटी सेवा प्रदाताओं के फॉर्च्यून 500 ग्राहकों के बीच वेट एंड वॉच की स्थिति बनी हुई है। चुनाव के बाद के नतीजों और मध्य पूर्व में स्थिरता के कारण इन ग्राहकों द्वारा अधिक आत्मविश्वास के साथ निर्णय लेने की प्रक्रिया पुनः शुरू हो सकती है, जिससे आईटी कम्पनियों के लिए सकारात्मक बदलाव आएगा।

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