भारतीय बाजार में आईपीओ की बहार नजर आ रही है। Prime Database पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2020 से अब तक 120 कंपनियां अपना आईपीओ लेकर आई हैं। एक डिजिटल ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म की स्थापना करने वाले निखिल कामत ने 8 दिसंबर को ट्वीट किया है कि बाजार में हाल में दिख रहा आईपीओ का रेला 1990 के दशक के रेले से अभी भी बहुत पीछे है।
उन्होंने ट्वीटर पर पिछले 2 दशक में आए आईपीओ से संबंधित आंकड़ों की टेबल देते हुए कहा है कि अगर आपको लगता है कि पिछले 2 साल में आया आईपीओ का रेला अपने में बहुत बड़ा है तो आप 1990 के दशक पर नजर डाल लें।
90s में प्रति दिन औसतन 3 आईपीओ आते दिखे थे जबकि पिछले 2 साल में हर हफ्ते औसतन 1 आईपीओ आता दिखा है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 90s में करीब 4,712 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 42,500 करोड़ रुपये जुटाए जो आईपीओ की संख्या की दृष्टि से पिछले 2 साल के आंकड़ों से बहुत ज्यादा है। लेकिन आईपीओ के जरिए से जुटाए गए पैसे के नजरिए से बहुत कम है।
सिर्फ अकेले 1995 में ही 1,402 कंपनियां आईपीओ लेकर आईं जबकि इसके एक साल पहले 1994 में 1,336 कंपनियों ने आईपीओ लॉन्च किए थे। हालांकि 1994 और 1995 के दौरान आए इन आईपीओ के जरिए सिर्फ 21,651 करोड़ रुपये ही जुटाए गए थे। जो कि हाल के 2 वर्षों के दौरान जुटाए गए पैसे की तुलना में बहुत कम है। सिर्फ 2020 में ही कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 74,707 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वहीं 2021 में 30 नवंबर तक आईपीओ के जरिए 1.06 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। इसके अलावा इसी महीने 10 और आईपीओ ल़ॉन्च होने वाले हैं। जिनमें CE Info Systems, Metro Brands, MedPlus, Data Patterns, HD Adhesives और कई दूसरे बड़े नाम शामिल हैं।