Defence Stocks: डिफेंस शेयरों में जोरदार खरीदारी के चलते लगातार तीसरे दिन आज निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स मजबूत हुआ है। आज इसमें 1 फीसदी से अधिक तेजी आई है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते इस बात के आसार बढ़े हैं कि डिफेंस इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियों के ऑर्डरबुक और मजबूत होंगे। इसके चलते डिफेंस इंडेक्स में लगातार तेजी दिख रही है और सिर्फ इस हफ्ते की बात करें तो डिफेंस इंडेक्स का मार्केट कैप ₹9000 करोड़ बढ़ गया है। पिछले 11 कारोबारी दिनों में यर 10 दिन ऐसा रहा, जब ग्रीन जोन में बंद हुआ और 21 मई से अब तक इस इंडेक्स का मार्केट कैप ₹48700 करोड़ बढ़ा है।
Defence Stocks: स्टॉकवाइज क्या है स्थिति?
निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स पर सबसे तेज गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) के शेयर चढ़े। यह आज 7% से अधिक उछलकर रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। इसमें यह तेजी नॉर्वे की कंपनी Kongsberg के साथ देश के पहले पोलर रिसर्च वेसल (PRV) के निर्माण के लिए एमओयू साइन किया है। एक और शिपयार्ड कंपनी कोचीन शिपयार्ड के शेयर भी 5% उछल गए। जेन टेक और पारस डिफेंस के शेयर 2-2% से अधिक उछले तो मिश्र धातु निगम (मिधानी), बीईएमएल, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और डीसीएक्स इंडिया के शेयर करीब डेढ़ फीसदी ऊपर चढ़े हैं। भारत डाइनेमिक्स और अस्त्र माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स के शेयरों में तेजी मामूली है। वहीं दूसरी तरफ भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा पैटर्न्स समेत कुछ और डिफेंस स्टॉक्स रेड जोन में हैं। हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की बात करें तो तेजस एमके2 के लिए जनरल इंलेक्ट्रिक के जीई-एफ404 इंजन की सप्लाई में देरी से जुड़ी चिंताओं पर यह 1% से अधिक टूट गया।
क्या है एक्सपर्ट्स का रुझान?
स्मालकेस मैनेजर ओमनीसाइंस कैपिटल के सीओई विकास गुप्ता के मुताबिक अगले दशक में भारत का डिफेंस बजट जीडीपी के 2% से बढ़कर 3-4% पर पहुंच सकता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सेनाओं की क्षमताओं को देखते हुए डिफेंस पर खर्च बढ़ेगा ताकि पड़ोसी देशों के मुकाबले भारत को बढ़त मिल सके। मोतिलाल ओसवाल के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से बढ़ते तनावों के कारण रक्षा शेयरों में फिर से निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। बता दें कि अभी हाल ही में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था और जैसे-जैसे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया, ऑर्डरबुक मजबूत होने की उम्मीद में डिफेंस सेक्टर के शेयरों में उछाल आया। रूस और यूक्रेन के बीच स्थिति फिर से और बिगड़ रही है। इन सबके चलते डिफेंस से जुड़ी खरीद और सैन्यीकरण पर खर्च बढ़ने की उम्मीद में भू-राजनीतिक माहौल में तेजी ने डिफेंस शेयरों को बढ़ावा दिया है।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।