बजट 2025 पेश किए जाने से एक दिन पहले 31 जनवरी को डिफेंस स्टॉक्स में अच्छा उछाल देखा गया। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, पारस डिफेंस, भारत इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, मझगांव डॉक, कोचीन शिपयार्ड्स, भारत डायनेमिक्स के शेयरों में 7 प्रतिशत तक की तेजी दिखी। दिन में यह तेजी और ज्यादा थी। उम्मीद की जा रही है कि बजट में डिफेंस सेक्टर के लिए एलोकेशन इस बार ज्यादा रहेगा।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट को वरीयता देकर भारत के डिफेंस लैंडस्केप को नया आकार देने की ताकत है। एक अच्छी तरह से स्ट्रक्चर्ड कैपिटल एक्सपेंडिचर प्लान, रिसर्च और डेवलपमेंट में बढ़ा हुआ निवेश और स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इनीशिएटिव न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक बेहद ताकतवर देश के रूप में भी स्थापित कर सकते हैं।
Garden Reach Shipbuilders, Paras Defence में सबसे ज्यादा उछाल
31 जनवरी को बीएसई पर सबसे ज्यादा 7 प्रतिशत की तेजी Garden Reach Shipbuilders & Engineers और पारस डिफेंस के शयरों में दिखी। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स में 6 प्रतिशत की तेजी रही। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, कोचीन शिपयार्ड में 5 प्रतिशत का उछाल आया। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स 4 प्रतिशत और भारत डायनैमिक्स 3 प्रतिशत उछला। 1 फरवरी को बजट पेश होने के दौरान और उसके बाद डिफेंस शेयरों में और तेजी आ सकती है।
एक दशक में भारत का रक्षा खर्च 8.1 प्रतिशत CAGR से बढ़ा
रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक दशक में भारत का रक्षा खर्च 8.1 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2014-15 में यह खर्च 2.85 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024-25 में यह 6.22 लाख करोड़ रुपये हो गया।
IDBI Capital Markets & Securities के डिफेंस एंड एयरोस्पेस वेंचर फंड के फंड मैनेजर अमेय बेलोरकर का कहना है, "हम अनुमान लगाते हैं कि वित्त वर्ष 2025-26 का बजट रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रगति को रफ्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। दोनों ही क्षेत्रों में बड़े विस्तार की संभावना है। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पर सरकार के फोकस को स्ट्रैटेजिक बजटरी एलोकेशन से मजबूत किए जाने की उम्मीद है। विशेष रूप से, अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स (UAS), एडवांस्ड मैटेरियल्स, साइबर डिफेंस और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे उभरते क्षेत्रों पर अधिक जोर प्राइवेट इनवेस्टमेंट के लिए बड़े अवसर खोल सकता है।"