डिफेंस शेयरों में जोरदार तेजी, क्या अब निवेश का मौका है? जानिए क्या है एक्सपर्ट्स की राय

Defence stocks : स्वदेशीकरण की दिशा में सरकार की तरफ से की जा रही कोशिशों और डिफेंस प्रोडक्ट्स के निर्यात में बढ़त की उम्मीद का डिफेंस शेयरों में आने वाली तेजी में सबसे ज्यादा योगदान है। भारतीय रक्षा बजट 72.9 बिलियन डॉलर (603101.7 करोड़ रुपये) है। डिफेंस पर होने वाले खर्च के नजरिए से भारत विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा देश हैं। ऐसे में देश में डिफेंस कंपनियों की ग्रोथ के लिए काफी ज्यादा संभावनाएं हैं

अपडेटेड Aug 08, 2023 पर 1:41 PM
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Defence stocks : अब से 2-3 साल पहले तक, डिफेंस सेक्टर की इक्विटी मार्केट में बहुत कम हिस्सेदारी थी। ओमनीसाइंस कैपिटल के ईवीपी और पोर्टफोलियो मैनेजर अश्विनी शमी के मुताबिक यह स्थिति अब बदल गई है

Defence stocks : डिफेंस शेयरों में हाल के दिनों में जोरदार तेजी देखने को मिली है। इनको लेकर निवेशक काफी उत्साहित हैं। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, ज़ेन टेक्नोलॉजीज, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), और तनेजा एयरोस्पेस एंड एविएशन जैसी कंपनियां लड़ाकू विमानों की तरह ऊंची उड़ान भर रही हैं। अब से 2-3 साल पहले तक, डिफेंस सेक्टर की इक्विटी मार्केट में बहुत कम हिस्सेदारी थी। ओमनीसाइंस कैपिटल के ईवीपी और पोर्टफोलियो मैनेजर अश्विनी शमी के मुताबिक यह स्थिति अब बदल गई है।

हालांकि डिफेंस सेक्टर अभी भी आयात पर बहुत ज्यादा निर्भर है। डिफेंस सेक्टर में इतनी तेजी वजह क्या है? इस पर नजर डालें तो स्वदेशीकरण की दिशा में सरकार की तरफ से की जा रही कोशिशों और डिफेंस प्रोडक्ट्स के निर्यात में बढ़त की उम्मीद का डिफेंस शेयरों में आने वाली तेजी में सबसे ज्यादा योगदान है। भारतीय रक्षा बजट 72.9 बिलियन डॉलर (603101.7 करोड़ रुपये) है। डिफेंस पर होने वाले खर्च के नजरिए से भारत विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा देश है। ऐसे में देश में डिफेंस कंपनियों की ग्रोथ के लिए काफी ज्यादा संभावनाएं हैं।

भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए आयात पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है। देश में रक्षा जरूरतों का 60 फीसदी हिस्सा आयात किया जाता है। वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में डिफेंस पर 45 लाख करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है। इसमें से रक्षा मंत्रालय को कुल 5.9 लाख करोड़ रुपये का बजट आबंटित किया गया है, जो कुल बजट का 13 फीसदी है।


पिछले सालों के दौरान में भारतीय डिफेंस कंपनियों की ऑर्डर बुक में जोरदार बढ़त हुई है। इस अवधि में डिफेंस शेयरों में भी जोरदार बढ़त हुई है। ऐसे में क्या अब तक काफी भाग चुके डिफेंस स्टॉक अभी भी खरीदने लायक हैं, और जिनके पास ये हैं क्या उनको इनमें बने रहना चाहिए ये अपने में काफी अहम सवाल है?

तमाम बाजार जानकारों का कहना है कि डिफेंस शेयरों में खरीदारी की होड़ इन शेयरों को ओवरबॉट जोन में पहुंचा दिया है। ऐसे में इनमें करेक्शन आ सकता है। बाजार का एक बड़ा हिस्सा इस बात से सहमत है कि डिफेंस शेयरों कुछ हद तक अतिउत्साह देखने को मिल है। रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण पर मजबूत सरकारी फोकस के कारण ये यूफोरिया (खुशफहमी) बना है।

ओमनीसाइंस कैपिटल के ईवीपी और पोर्टफोलियो मैनेजर अश्विनी शमी ने कहा कि इस सेक्टर की पिछली रैलियां डिफेंस स्टॉक्स के सस्ते में उपलब्ध होने, ऑर्डर बुक के साथ मजबूत ग्रोथ आउटलुक की वजह से आई थीं।

फिस्डोम के नीरव करकेरा की राय

उधर फिस्डोम के नीरव करकेरा का कहना है कि डिफेंस शेयरों में काफी तेजी देखने को मिल रही है। ये तेजी उचित भी है। डिफएंस सेक्टर का वैल्यूएशन तुलनात्मक रूप से महंगा हो गया है। लेकिन आगे इनमें विकास की भारी संभावनाओं को देखते ये वैल्यूएशन उचित लग रहा है।

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ओमनीसाइंस कैपिटल के अश्विनी शमी की राय

यहां तक कि अश्विनी शमी को भी लगता है कि मजबूत बुक-टू-बिल अनुपात और निरंतर चल रहे स्वदेशीकरण के प्रयासों के चलते आगे डिफेंस सेक्टर में ग्रोथ की काफी बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं। उन्होंने ये आगे कहा कि अगर पिछले एक या दो साल पहले के भारी डिस्काउंट प्राइस तुलना आज की प्राइस से करें तो डिफेंस स्टॉक अपने फेयर वैल्यूएशन के करीब हैं। ऐसे में अभी आगे इनमें और तेजी आने की उम्मीद बाकी है।

शेयर खान की डीवीपी खदीजा मंत्री की राय

शेयर खान की डीवीपी खदीजा मंत्री का कहना है कि डिफेंस कंपनियों के ऑर्डर बुक और ग्रोथ आउटलुक को देखते हुए इनका वैल्यूशन महंगा नहीं दिख रहा है। आगे आने वाले सालों में डिफेंस कंपनियों की कमाई और मुनाफे दोनों में अच्छी बढ़त देखने को मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि एचएएल, बीईएल, बीडीएल और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स जैसी डिफेंस कंपनियों को बड़े-बड़े ऑर्डर मिले हैं। इससे इन कंपनियों की ऑर्डर बुक ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई है। इसके अलावा ऑपरेटिंग लीवरेज के कारण अधिकांश कंपनियों के मार्जिन में बढ़त देखने को मिल रही है।

इनवेसेट पीएमएस के अनिरुद्ध गर्ग की राय

थोड़ा अलग दृष्टिकोण रखते हुए, इनवेसेट पीएमएस के अनिरुद्ध गर्ग का मानना है कि डिफेंस डाइनेमिक नेचर और विकसित होते नए अवसरों को देखते हुए इस सेक्टर का बुक-टू-बिल रेशियो इसकी लॉन्ग टर्न संभावनों को पूरी तरह से स्पष्ट नहीं कर सकता है। हालांकि उनका मानना है कि सरकार बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिकीकरण पर काफी पोकस कर रही है। ऐसे में डिफेंस सेक्टर में आगे जोरदार ग्रोथ के लिए तैयार है।

अनिरुद्ध गर्ग ने आगे कहा कि डिफेंस सेक्टर में अब तक काफी तेजी आ चुकी है। लेकिन इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि मार्केट के साइकिल में हर सेक्टर टाइम और प्राइस करेक्शन के दौर से गुजरता है। उनका मानना है कि सेक्टर रोटेशन बाजार की एक सामान्य घटना है। डिफेंस वर्तमान बुल रन का सबसे बड़ा लाभार्थी और लीडर है।

प्रभुदास लीलाधर के अमित अनवानी की राय

प्रभुदास लीलाधर के अमित अनवानी का कहना है कि डिफेंस सेक्टर में पहले से ही बहुत सारी री-रेटिंग हो चुकी है। तीनों सेनाओं में तमाम पुराने उपकरणों को बदलने का जरूर है जिससे आगे डिफेंस सेक्टर को बड़ा फायदा होगा।

 

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MoneyControl News

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First Published: Aug 08, 2023 1:08 PM

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