Defence Stocks: डिफेंस शेयरों ने भरी उड़ान, ₹21,772 करोड़ के डील को मिली मंजूरी, इन शेयरों में बड़ा मौका

Defence stocks: डिफेंस कंपनियों के शेयरों में आज 4 दिसंबर को तगड़ी तेजी देखने को मिली। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स जैसे शेयर 5% तक उछल गए। वहीं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और भारत डायनेमिक्स जैसे शेयर 2-3% तक चढ़ गए। यह तेजी इस खबर के बाद आई है कि डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने 21,772 करोड़ रुपये से अधिक के 5 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है

अपडेटेड Dec 04, 2024 पर 11:26 AM
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Defence stocks: नए प्रस्तावों की मंजूरी से डिफेंस कंपनियों के ऑर्डर बुक में उछाल की संभावना है

Defence stocks: डिफेंस कंपनियों के शेयरों में आज 4 दिसंबर को तगड़ी तेजी देखने को मिली। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स जैसे शेयर 5% तक उछल गए। वहीं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और भारत डायनेमिक्स जैसे शेयर 2-3% तक चढ़ गए। यह तेजी इस खबर के बाद आई है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई वाली डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने 21,772 करोड़ रुपये से अधिक के 5 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इन प्रस्तावों की मंजूरी से डिफेंस कंपनियों के ऑर्डर बुक को मजबूती मिलने की संभावना है। इस वजह से इन कंपनियों के शेयरों में खरीदारी का जोर देखा गया।

DAC ने जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी है, उनमें वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट्स (WJFACs), इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट्स, रडार वॉर्निंग सिस्टम्स और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर्स जैसे इक्विपमेंट्स शामिल हैं। इसमें भारतीय नौसेना के लिए 31 नए WJFACs का अधिग्रहण किया जाएगा, जो कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों, गश्त, निगरानी और खोज एवं बचाव (SAR) मिशनों के लिए उपयोगी होंगे। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स ने पहले भी WJFACs की सप्लाई नौसेना को की थी, जिससे कंपनी को एक बार फिर ऑर्डर मिलने की उम्मीद बढ़ी है।

इसके अलावा, 120 फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट (FIC-1) के अधिग्रहण के लिए मंजूरी भी दी गई है। इन FIC को एयरक्राफ्ट कैरियर्स, डेस्ट्रॉयर्स और सबमरीन जैसे हाई-वैल्यू यूनिट्स की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। DAC ने T-72 और T-90 टैंकों औरसुखोई लड़ाकू विमानों के इंजनों के ओवरहॉल को भी मंजूरी दी है। यह ओवरहॉलिंग उनकी सर्विस लाइफ और कारोबारी क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।


SU-30 MKI लड़ाकू विमानों की ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (EWS) का अधिग्रहण भी शुरू किया जाएगा। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने भारतीय वायुसेना के लिए पहले भी EWS विकसित किया है, जिससे इस कंपनी को भी लाभ होने की संभावना है।

एक्सपर्ट्स की राय

ICICI सिक्योरिटीज के अमित दीक्षित का कहना है कि यह मंजूरी घरेलू ऑर्डरिंग में आई सुस्ती के बाद एक पॉजिटिव बदलाव का संकेत है। उनके अनुसार, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को इन प्रस्तावों से सबसे अधिक लाभ होगा, खासतौर पर SU-30 MKI के लिए EWS से। इसके अलावा, एस्ट्रा माइक्रोवेव को भी इस कदम से लाभ होने की संभावना है। शिपबिल्डिंग से जुड़े प्रस्ताव छोटे जहाजों के लिए हैं, जिन पर प्राइवेट कंपनियों और डिफेंस पीएसयू (DPSUs) की ओर से बोली लगाई जाएगी।

ICICI सिक्योरिटीज ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और एस्ट्रा माइक्रोवेव दोनों पर ‘खरीदारी’ की सलाह दी है और इनके लिए क्रमश: 350 रुपये और 935 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है।

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First Published: Dec 04, 2024 11:21 AM

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