डिफेंस कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ महीनों में अच्छी तेजी आई है। इसमें मेक इन इंडिया, निर्यात में उछाल और बढ़ती ऑर्डर बुक का बड़ा हाथ है। लेकिन, इस तेजी ने निवेशकों को दुविधा में डाल दिया है। कुछ निवेशकों का मानना है कि डिफेंस स्टॉक्स की वैल्यूएशन बहुत बढ़ गई है। लेकिन, निवेशकों का एक दूसरा वर्ग है, जिसकी सोच अलग है। ऐसे निवेशकों का मानना है कि अभी डिफेंस सेक्टर में बहुत संभावनाएं बाकी हैं। दरअसल, पिछले छह महीनों में आई तेजी से डिफेंस कंपनियों के शेयर बहुत महंगे हो गए हैं।
डिफेंस स्टॉक्स में बढ़ी म्यूचुअल फंडों की दिलचस्पी
OmniScience Capital के विकास गुप्ता ने कहा, "डिफेंस शेयरों का पीई अभी 30 से ज्यादा है। यह मार्केट के 25 के पीई से ज्यादा है। हायर ग्रोथ को देखते हुए हायर पीई सही हो सकता है। हायर ग्रोथ रेट की वजह से फॉरवर्ड पीई ज्यादा नहीं है।" उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले वह उन लोगों में शामिल थे, जिन्हें डिफेंस स्टॉक्स के अच्छा प्रदर्शन की उम्मीद थी। अब बाजार का फोकस डिफेंस शेयरों पर बढ़ा है। डिफेंस इंडेक्स और म्यूचुअल फंड स्कीम की शुरुआत से इस सेक्टर की वैल्यू अनलॉक हुई है।
अगले कुछ सालों में कमाई बढ़ने की उम्मीद
HAL ने FY24 में रेवेन्यू में सामान्य ग्रोथ का अनुमान व्यक्त किया है। मैन्युफैक्चरिंग रेवेन्यू में FY25 से तेजी देखने को मिलेगी। लाइट कंबैट एयरक्राफ्ट तेजस एमके I की डिलीवरी के बाद रेवेन्यू में इजाफा होगा। रेवेन्यू ज्यादातर रिपेयर और ओवरहॉल विंग से आएगा। FY24 में कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ 9 फीसदी रहने की उम्मीद है। एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग का कहना है कि सप्लाई चेन से जुड़े मसलों के निपटारे के बाद Bharat Dynamics के एग्जिक्यूशन में FY24 की दूसरी तिमाही या FY25 में उछाल दिख सकता है।
अल्फा-जेनेरेटिंग सेक्टर बना डिफेंस
Mazagon Dock Shipbuilders की ऑर्डरबुक के लिए अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। लेकिन, ICICI Securities का कहना है कि एग्जिक्यूशन टाइम लाइन को लेकर तस्वीर स्पष्ट नहीं है। अभी इसके स्टॉक्स में काफी तेजी दिख रही है, लेकिन आगे हो सकता है कि इसकी चमक में कमी आ जाए। मार्केट डिफेंस सेक्टर को अल्फा-जेनेरेटिंग सेक्टर के रूप में देख रहा है। एनालिस्ट्स का भी कहना है कि इस सेक्टर के लिए अभी ग्रोथ की बहुत संभावनाएं बची हुई हैं।
6 से 10 साल में 110 अरब डॉलर के मौके
मार्केट पार्टिसिपेंट्स का यह भी कहना है कि डिफेंस सेक्टर की कंपनियों के पास ऑर्डर बैकलॉग तीन साल से लेकर सात साल तक हैं। जबर्दस्त ग्रोथ को बड़ी ऑर्डरबुक का सपोर्ट मिल रहा है। यह कंपनी के रेवेन्यू का 4-10 गुना है। इन कंपनियों के लिए छह से 10 साल में 110 अरब डॉलर के मौके हैं। यह मौका उन्हें प्रॉफिट बढ़ाने में मदद करेगा। अभी डिफेंस कंपनियों का कंबाइंड रेवेन्यू 8 अरब डॉलर (FY23 में) है। इसके बावजूद डिफेंस शेयरों में आई तेजी को देखते हुए सावधानी बरतने की जरूरत है।