मार्केट लगातार नई ऊंचाईयों को छू रहा है। इसके चलते शेयरों में निवेश को लेकर क्रेज दिख रहा है और नए-नए निवेशक धड़ाधड़ डीमैट खाते (Demat Accounts) खुलवा रहे हैं। इसकी पुष्टि जून महीने के आंकड़ों से की जा सकती है जब नए डीमैट खाते 13 महीने की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने जून में 23.6 लख से अधिक डीमैट खाते खुले। यह मई 2022 के बाद सबसे अधिक ओपनिंग है, जब 25 लाख डीमैट खाते खुले थे।
मई 2023 में 21 लाख नए डीमैट खाते खुले थे और जून 2022 में 23 लाख खाते। जून में डीमैट खातों की संख्या 12.05 करोड़ के पार पहुंच गई। सालाना आधार पर इसमें 24.41 फीसदी और मासिक आधार पर 2 फीसदी की बढ़त हुई है।
बाजार की तेजी के साथ IPO ने भी बनाया पॉजिटिव माहौल
जून तिमाही में निफ्टी 50 ने पहली बार 19000 का लेवल पार किया और सेंसेक्स ने भी 64700 का लेवल पहली बार पार किया। जून तिमाही में सेंसेक्स करीब 10 फीसदी और निफ्टी करीब 11 फीसदी मजबूत हुआ। ब्रोडर मार्केट की बात करें तो इस दौरान बीएसई मिडकैप करीब 20 फीसदी और बीएसई स्मॉलकैप करीब 21 फीसदी मजबूत हुआ। एक स्वतंत्र मार्केट एनालिस्ट हेमंग जानी का कहना है कि इस दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम, ऑर्डर फ्लो और क्लाइंट एडीशन्स ने भी मजबूत रुझान दिखाया। बीएसई और एनएसई के कैश सेगमेंट में जून में कुल मिलाकर एवरेज डेली टर्नओवर (ADTV) सालाना आधार पर 42 फीसदी उछलकर एक साल के हाई 67,491 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था जबकि डेरिवेटिव मार्केट में यह आंकड़ा 259 करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अरविंदर सिंह नंदा के मुताबिक मेनबोर्ड और एसएमई बोर्ड, दोनों में आईपीओ की बढ़ती एक्टिविटीज ने भी डीमैट खाते खुलवाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित किया। जून में मेनबोर्ड पर 2588 करोड़ रुपये के पांच आईपीओ खुले। वहीं कई एसएमईज भी आईपीओ लेकर आई। इसके अलावा युवाओं के बीच शेयरों की जानकारी बढ़ रही है और वे बचत पर जोर दे रहे हैं जिससे डीमैट खातों को सपोर्ट मिल रहा है।
हेमंग जानी के मुताबिक बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है। जब तक बाजार अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखता है, यह रुझान बना रहने वाला है। आईपीओ की बात करें तो एनालिस्ट्स का मानना है कि अभी और भी कंपनियां आईपीओ लाएंगी यानी हलचल बनी रहेगी।
कुछ एनालिस्ट्स ने निवेशकों को आगाह किया है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्टैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के मुताबिक खुदरा निवेशक जिस तेजी से शेयर मार्केट में जुड़ रहे हैं, उसका एक रास्ता ढलान की तरफ भी जाता है। वीके के मुताबिक आमतौर पर नए निवेशक सस्ते शेयरों की तरफ भागते हैं जो बाद में गुब्बारा साबित होता है। वहीं अनुभवी निवेशक इन सब खतरों से वाकिफ होते हैं।