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बाजार में अच्छी रिकवरी के बावजूद आज EMS शेयरों की हुई जोरदार पिटाई, जानिए क्या रही वजह

EMS कंपनियों के रिस्क फैक्टर पर नजर डालें तो इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और रूम AC सेगमेंट में जोरदार प्रतिस्पर्धा है। PCBs की सप्लाई में रुकावट हुई तो दिक्कत बढ़ेगी। व्हाइट गुड्स और मोबाइल डिमांड में स्लोडाउन है। सीजनली कमजोर डिमांड और PLI पर निर्भरता भी इनके लिए बड़ा जोखिम है

अपडेटेड Jan 28, 2025 पर 6:11 PM
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EMS कंपनियों में तेज गिरावट की सबसे बड़ी वजह इनका महंगा वैल्युएशन है। ROCE के मोर्चे पर भी सिर्फ डिक्सन को छोड़ कर लगभग सभी कंपनियों की हालत पतली है।

बाजार में अच्छी रिकवरी के बावजूद आज EMS शेयरों की हालत खस्ता रही। केयन्स के नतीजों के बाद इन शेयरों में तेज गिरावट आई है। बाजार की हीरो रही EMS कंपनियों (दूसरी कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियां) से निवेशक क्यों डरे हुए हैं। इस पर जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के यतिन मोता ने बताया कि EMS कंपनियों में तेज गिरावट की सबसे बड़ी वजह इनका महंगा वैल्युएशन है। ये कंपनियां एक दम लो मार्जिन पर काम करती हैं और हाई टर्नओवर का टारगेट रखती हैं। ये कंपनियां अब तक काफी भाग चुकी हैं। इनके वैल्यूएशन पर नजर डालें तो अंबर FY25 अनुमानित PE रेश्यो के 78 गुना पर कारोबार कर रही है। वहीं, डिक्सन 94 गुना, केयन्स 128 गुना, PGEL 82 गुना और सिरमा SGS 54 गुना पर कारोबार कतर रही है।

EMS कंपनियों का ROCE (Return on capital employed) लो डबल डिजिट में नजर आ रहे हैं। अंबर का ROCE FY25 में 14 फीसदी रहने का अनुमान है। डिक्सन का ROCE इस अवधि में 39 फीसदी रह सकता है। FY25 में केयन्स का ROCE 7 फीसदी और PGEL का ROCE 19 फीसदी रह सकता है। इस अवधि में सिरमा SGS का ROCE 10 फीसदी रहने का अनुमान है। यानी ROCE के मोर्चे पर भी सिर्फ डिक्सन को छोड़ कर लगभग सभी कंपनियों की हालत पतली है।

EMS कंपनियों के रिस्क फैक्टर पर नजर डालें तो इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और रूम AC सेगमेंट में जोरदार प्रतिस्पर्धा है। PCBs की सप्लाई में रुकावट हुई तो दिक्कत बढ़ेगी। व्हाइट गुड्स और मोबाइल डिमांड में स्लोडाउन है। सीजनली कमजोर डिमांड और PLI पर निर्भरता भी इनके लिए बड़ा जोखिम है।


केयन्स में गिरावट क्यों

कंपनी ने अपने गाइडेंस में कहा है कि 3000 करोड़ रुपए का आय गाइडेंस हासिल करना मुश्किल है। FY25 आय गाइडेंस 3000 करोड़ रुपए से घटाकर 2,800 करोड़ रुपए किया गया है। ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट कंपनी के कैपेक्स मार्जिन और कैश फ्लो पर असर डालेंगे। प्रीमियम वैल्युएशन के चलते शेयर में गिरावट आई है।

डिक्सन टेक में गिरावट क्यों?

अब तक आ चुकी जोरदार तेजी के बाद शेयर में मुनाफावसूली जारी है। सेमीकंडक्टर पर भारी निवेश से बाजार नाखुश है। डिक्सन टेक पर जेफरीज ने अंडरपरफॉर्म रेटिंग देते हुएशेयर का लक्ष्य 12600 रुपए प्रति शेयर दिया है। ब्रोकरेज का कहना है कि स्टॉक का रिस्क रिवॉर्ड बेहद खराब है। यह FY26 PE के 107 गुना के महंगे वैल्यूएशन पर कारोबार कर रहा है।

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EMS कंपनियों में रिटर्न

EMS कंपनियों में रिटर्न की बात करें तो AMBER ने 1 महीने में 9 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है। इसी तरह DIXON 1 महीने में 18 फीसदी टूटा है। KAYNES में 1 महीने में 33 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। जबकि PGEL 1 महीने में 34 फीसदी टूटा है। SYRMA भी 1 महीने में 29 फीसदी घटा है।

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