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Diwali Blockbuster : इस दिग्गज एक्सपर्ट की है राय, केवल 20% स्टॉक सस्ते, बाज़ार कम रिटर्न और ज़्यादा वौलैटिलिटी वाले दौर में रख रहा कदम

Diwali picks: देश के दिग्गज पीएमएस और एआईएफ प्रबंधकों में से एक यूनिफाई कैपिटल के मारन गोविंदसामी का कहना है कि आज बाजार का केवल 20 फीसदी हिस्सा ही सस्ता है और इनको लेकर भी कुछ चिंताएं बनी हुई हैं। मारन गोविंदसामी का लॉन्ग टर्म ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 16, 2025 पर 11:17 AM
Diwali Blockbuster : इस दिग्गज एक्सपर्ट की है राय, केवल 20% स्टॉक सस्ते, बाज़ार कम रिटर्न और ज़्यादा वौलैटिलिटी वाले दौर में रख रहा कदम
Market trend : पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो सेंसेक्स ने अपनी शुरुआत से ही 15 फीसदी और निफ्टी ने लगभग 14 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है। लेकिन इस दौरान लगभग 25 फीसदी वोलैटिलिटी देखने को मिली है

Diwali picks : यूनिफाई कैपिटल के फाउंडर मारन गोविंदसामी ने एन महालक्ष्मी के साथ द वेल्थ फॉर्मूला की दिवाली ब्लॉकबस्टर सीरीज में कहा कि तीन सालों तक शानदार रिटर्न देने के बाद बाजार नरमी के दौर में प्रवेश कर रहा है। इस दौरान वौलैटिलिटी भी काफी कम रही है। उन्होंने आगाह किया, "भारत में बाज़ारों के एक ही पैमाने पर नहीं आंका जा सकता। उसी बीएसई 500 में,आधी से ज़्यादा कंपनियों के प्राइस-टू-अर्निंग मल्टिपल पिछले तीन सालों (सितंबर 2024 तक) में दोगुने हो गए हैं।"

दूसरी तरफ पिछले साल सितंबर में सेंसेक्स ने स्मॉल और मिडकैप शेयरों के रिकॉर्ड स्तर की बदौलत 86,000 का ऑलटाइम हाई पार किया था, लेकिन उस शिखर तक पहुंचने का सफ़र एक समान नहीं रहा। सितंबर 2021 और सितंबर 2024 के बीच, एचडीएफसी बैंक, कोटक बैंक और बजाज फाइनेंस जैसे बड़े नामों ने जीरो शेयरहोल्डर रिटर्न दिया। एफएमसीजी दिग्गजों डाबर, मैरिको और हिंदुस्तान यूनिलीवर ने भी यही किया।

अहम बात यह है कि इन कंपनियों की कमाई सपाट नहीं रही। इनकी कमाई सिंगल डिजिट से बढ़कर लगभग 10-12% तक पहुंच गईं, जो तीन साल की अवधि में हुई शानदार बढ़त है। लेकिन शेयरों की कीमतें स्थिर नहीं रहीं क्योंकि पी/ई मल्टीपल में तेज़ी से गिरावट देखने को मिली। मारन ने कहा, "वास्तव में,जब इंडेक्स अपने ऑलटाइम हाई पर था, तब कुछ शेयरों का भाव 2021 के भाव का बमुश्किल आधा था।"

इसके विपरीत,बाज़ार का दूसरा हिस्सा यानी बीएसई 500 कंपनियों के लगभग 50-60 फीसदी शेयर में (सरकारी पूंजीगत व्यय में बढ़त के कारण) 20-25 फीसदी की जोरदार सालाना अर्निंग ग्रोथ देखने को मिली। उन्होंने कहा, "सरकारी खर्च से जुड़ी कंपनियों (रक्षा, रेलवे, कैपिटगुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर और रियल एस्टेट) की आय में शानदार बढ़त के साथ-साथ प्राइस-टू-अर्निंग मल्टिपल में भी बढ़त देखने को मिली। इन सेक्टरों में शेयरधारकों का रिटर्न तेज़ी से बढ़ा है।"

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