Credit Cards

Diwali Muhurat Trading 2025: इतनी खास क्यों है दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग, क्या इसमें होता है मुनाफा?

Diwali Muhurat Trading 2025: दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग की पंरपरा काफी पुरानी है। यह सिर्फ ट्रेडिंग नहीं, बल्कि नए सम्वत वर्ष की शुरुआत में धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में माना जाता है। निवेशकों के लिए यह पोर्टफोलियो रीबैलेंस और प्रतीकात्मक निवेश का मौका होता है। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Oct 15, 2025 पर 6:03 PM
Story continues below Advertisement
दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग सिर्फ ट्रेडिंग नहीं, बल्कि भारत की वित्तीय संस्कृति का उत्सव है।

Diwali Muhurat Trading 2025: मुहूर्त ट्रेडिंग एक खास एक घंटे की ट्रेडिंग सेशन होती है, जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर दिवाली के दिन आयोजित की जाती है। इस साल दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को है। इस सेशन का समय आमतौर पर लक्ष्मी पूजन के मुहूर्त में रखा जाता है।

‘मुहूर्त’ का मतलब होता है शुभ समय। ट्रेडर्स और निवेशक मानते हैं कि इस समय निवेश करने से नए साल में धन और समृद्धि आती है। यह हिंदू कैलेंडर के नए साल या सम्वत की शुरुआत को दिखाता है।

मुहूर्त ट्रेडिंग को शुभ क्यों माना जाता है?


दिवाली में अंधकार पर प्रकाश और संघर्ष पर समृद्धि की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ट्रेडर्स और निवेशक पूजन करने के बाद ट्रेडिंग शुरू करते हैं, ताकि वित्तीय सफलता मिले।

पारंपरिक तौर पर व्यापारी परिवार अपने पुराने खाता-बही बंद कर नए खाते की शुरुआत दिवाली पर करते थे। समय के साथ यह मुहूर्त ट्रेडिंग में बदल गया।

मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान क्या होता है?

  • प्री-ओपन सेशन (5–10 मिनट): कीमतों का पता लगाने के लिए
  • मुख्य मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन (60 मिनट): ट्रेडिंग की मुख्य खिड़की
  • पोस्ट-क्लोज सेशन (10 मिनट): ट्रेड सेटलमेंट के लिए

इस समय का माहौल त्योहार जैसा होता है। ब्रोकर्स अपने ऑफिस में दीपक जलाते हैं, निवेशक पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और ट्रेडिंग टर्मिनल सजाए जाते हैं।

क्या मुहूर्त ट्रेडिंग मुनाफे वाली है?

हालांकि यह सेशन ज्यादातर प्रतीकात्मक है, लेकिन ऐतिहासिक डेटा दिखाता है कि दिवाली की मुहूर्त ट्रेडिंग पर Nifty 50 और Sensex अक्सर सकारात्मक नोट पर बंद होते हैं। निवेशक अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने या नए SIP शुरू करने के लिए इस अवसर का इस्तेमाल करते हैं।

नए सम्वत का क्या महत्व है?

मुहूर्त ट्रेडिंग नए सम्वत वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। 2025 की दिवाली से सम्वत 2082 शुरू होगा। पुराने साल के मुनाफे और नुकसान की समीक्षा करके नए साल के लिए लक्ष्य तय किए जाते हैं।

इन बातों का हमेशा रखें ध्यान

  • मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों का चयन करें।
  • अति-सट्टेबाजी से बचें।
  • लंबी अवधि के लिए सोचें।
  • प्रतीकात्मक निवेश भी शुभ माना जाता है।

दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग सिर्फ ट्रेडिंग नहीं, बल्कि भारत की वित्तीय संस्कृति का उत्सव है। यह परंपरा और तकनीक, भावना और रणनीति, उम्मीद और अवसर का संगम है। यही वजह है कि दिवाली पर निवेशक प्रतीकात्मक ट्रेड करते हैं। साथ ही, शुभ शुरुआत के साथ नए सम्वत वर्ष के धन और समृद्धि भरा होने की उम्मीद करते हैं।

NSE Muhurat Trading 2025: दिवाली पर 1 घंटे की होगी मुहूर्त ट्रेडिंग, जानिए तारीख और समय के साथ पूरी डिटेल

Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।