EPF Withdrawal: कर्मचारियों के लिए EPF (Employees’ Provident Fund) से पैसे निकालना अब पहले से कहीं आसान और तेज हो गया है। सरकार ने 13 अलग-अलग श्रेणियों और उनके जुड़ी शर्तों को सरल बनाकर एक समान प्रावधान लागू किया है। इसके तहत अब बिना किसी जटिल दस्तावेजी प्रक्रिया के आसानी से EPF रकम निकाली जा सकेगी। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने इन फायदों की जानकारी एक्स (पहले ट्विटर) पर जानकारी दी है।
विड्रॉल लिमिट और शर्तों में बदलाव
सर्विस ब्रेक की समस्या का समाधान
नौकरी छोड़ने के बाद कर्मचारियों को अब 75% रकम तुरंत मिल सकेगी। एक साल पूरा होने के बाद पूी रकम निकालने की सुविधा होगी। पहले बार-बार पैसा निकालने से कर्मचारियों की सेवा में ब्रेक आ जाता था, जिससे पेंशन के अधिकार प्रभावित होते थे।
उदाहरण के तौर पर, अगर कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद पूरी रकम निकाल लेता था, तो उसकी सर्विस नई सर्विस मानी जाती थी। चूंकि पेंशन पाने के लिए 10 साल की निरंतर सेवा जरूरी है, बार-बार पैसे निकालने से यह अवधि पूरी नहीं होती थी। इससे कर्मचारी पेंशन के लाभ से वंचित रह जाता था। लेकिन, अब ऐसे मामलों में कमी आएगी।
अब नए EPF सुधारों से कर्मचारियों की सेवा निरंतर रहेगी और पेंशन के अधिकार सुरक्षित होंगे। इससे कर्मचारियों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी, और आपात स्थिति या व्यक्तिगत जरूरतों में भी वे आसानी से अपनी EPF रकम का इस्तेमाल कर सकेंगे। ये बदलाव कर्मचारियों की वित्तीय आजादी बढ़ाने के साथ-साथ उनकी भविष्य की सुरक्षा को भी मजबूत बनाते हैं।