इकोनॉमी की ग्रोथ सुस्त पड़ने के संकेतों के बाद ऑप्शन ट्रेडर्स ने मंदी के सौदे बढ़ाए हैं। इससे रुपये पर दबाव बढ़ गया है। डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले कुछ दिनों से दबाव में है। डिपॉजिटरी ट्रस्ट एंड क्लियरिंग कॉर्प के डेटा से पता चलता है कि डॉलर-रुपये में कॉल ट्रेडिंग का वॉल्यूम नॉन-डेलिवरएबल ऑप्शंस मार्केट में 2 दिसंबर को बढ़कर 1.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 29 नवंबर को यह करीब 60 करोड़ डॉलर था।
