अनुमान है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने में कामयाब रहेगी। सरकार पहले ही अपनी प्राथमिकताओं के बारे में संकेत दे चुकी है। सरकार का फोकस अगले वित्त वर्ष में भी पूंजीगत खर्च पर बना रहेगा। ऐसे में घरेलू संस्थागत निवेशकों को बैंक और फाइनेंशियल कंपनियों में निवेश के मौके दिख रहे हैं। एनालिस्ट्स का कहना है कि स्टॉक मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक अपने ऑल-टाइम हाई के करीब हैं। ऐसे में बैंकिंग स्टॉक्स की वैल्यूएशन सही दिख रही है।
इन बैंकों ने RBI से मांगी मंजूरी
HDFC, ICICI, SBI और LIC उन घरेलू संस्थागत निवेशकों में शामिल हैं, जिन्होंने बैंकों में हिस्सेदारी बढ़ाकर 9.9 फीसदी करने के लिए RBI की मंजूरी मांगी है। केंद्रीय बैंक की मंजूरी मिलने के बाद अगले एक साल में बैंकिंग और फाइनेंशियल कंपनियों के शेयरों में 1.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है।
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5% से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने के लिए एप्रूवल जरूरी
यह जान लेना जरूरी है कि अगर कोई इनवेस्टर किसी बैंक में 5 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी हासिल करना चाहता है इसके लिए RBI की मंजूरी जरूरी होती है। हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए RBI की मंजूरी हासिल करने की कोशिश अक्टूबर 2023 में ही शुरू हो गई थी। तब यह अनुमान था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट्स घटाने के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक इंडियन बैंकों में निवेश बढ़ाएंगे।
एचडीएफसी ग्रुप को 6 फरवरी को मिली मंजूरी
इस महीने 6 तारीख को HDFC Group को छह बैंकों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 9.5 फीसदी तक करने की मंजूरी मिल गई। इन बैंकों में IndusInd Bank, Yes Bank, Axis Bank, ICICI Bank, Suryoday Small Finance Bank और Bandhan Bank शामिल हैं। इससे पहले LIC को एचडीएफसी बैंक में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की इजाजत RBI से मिल गई थी।
बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद
एनालिस्ट्स और फंड मैनेजर्स को फाइनेंशियल कंपनियों खासकर प्राइवेट बैंकों के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि इनकी एसेट क्वालिटी अच्छी है। साथ ही इनकी बाजार हिस्सेदारी बढ़ रही है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने हाल में इस वित्त वर्ष में बैंक क्रेडिट ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 14.9-15.3 फीसदी कर दिया है। पहले उसने क्रेडिट ग्रोथ 12.8-13 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। इक्रा को ग्रॉस एनपीए भी घटकर 2.1-2.5 फीसदी और नेट एनपीए 0.5 से 0.6 फीसदी तक आ जाने की उम्मीद है।