अब यह भरोसे से कहा जा सकता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फैसला पहले लेते हैं और उसके असर के बारे में बाद में सोचते हैं। टैरिफ के पूरे मामले से इसकी पुष्टि होती है। अब उन्होंने ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियों को टैरिफ से छूट देने के संकेत दिए हैं। उन्होंने इस बारे में एक बयान दिया है। इसमें कहा गया है कि वह कार बनाने वाली कुछ कंपनियों की मदद करने के बारे में सोच रहे हैं जो अभी मैक्सिको और कनाडा से अपनी मैन्युफैक्चरिंग अमेरिका में शिफ्ट करने की प्रक्रिया में हैं।
अभी यह तय नहीं कि किस तरह की राहत ट्रंप देंगे
Donald Trump का यह बयान काफी अहम है, क्योंकि इंडिया सहित दुनियाभर की ऑटो कंपोनेंट कंपनियों (Auto Component Companies)के बिजनेस पर ट्रंप टैरिफ का बड़ा असर पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रंप के बयान का मतलब है कि ट्रंप ने ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों पर अभी 25 फीसदी का जो टैरिफ लगाया है, उसमें राहत मिलेगी। अभी यह तय नहीं है कि ट्रंप अमेरिका में इंपोर्ट होने वाले ऑटो पार्ट्स पर टैरिफ जीरो कर देंगे या 25 फीसदी के मौजूदा टैरिफ को घटाएंगे।
ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी टैरिफ से अमेरिका को बड़ा नुकसान
ट्रंप ने कहा, "अमेरिकी कार कंपनियां अभी कनाडा, मैक्सिको और दूसरे देशों में बनने वाले ऑटो पार्ट्स का इस्तेमाल करती हैं। इन कंपनियों को अमेरिका में ही इन पार्ट्स का उत्पादन शुरू करने के लिए थोड़ा समय चाहिए।" उनके इस बयान से साफ पता चलता है कि ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी टैरिफ का सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिकी कार कंपनियों को होगा। एक्सपर्ट्स पहले ही यह कह चुके हैं कि ट्रंप टैरिफ से सबसे ज्यादा नुकसान खुद अमेरिका को होने जा रहा है।
अमेरिका में बिकने वाली ज्यादातर कारें एसेमब्लड होती हैं
ट्रंप ने ऑटो पार्ट्स पर टैरिफ में राहत देने का फैसला ऐसे वक्त किया है, जब NAFTA के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंधों की समीक्षा हो रही है। यह सच है कि अमेरिका में बेची जाने वाली 30 से 60 फीसदी कारें एसेंबल्ड होती हैं। उदाहरण के लिए General Motors और Toyota अमेरिका में बिकने वाली अपनी 30-60 फीसदी कारों का उत्पादन मैक्सिको और कनाडा में करती हैं। Volkswagen अमेरिका में बिकने वाली अपनी 60 फीसदी कारों का उत्पादन मैक्सिको और कनाडा में करती है।
ट्रंप और अधिकारियों ने बगैर होमवर्क टैरिफ का किया ऐलान
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस तरह से ट्रंप अपने टैरिफ के फैसले को पलटते जा रहे हैं, उससे पता चलता है कि उन्होंने और उनके अधिकारियों ने बगैर होमवर्क के अचानक टैरिफ लगाने का फैसला कर लिया। ट्रंप और उनके अधिकारियों को इस बात का अहसास नहीं था कि इससे अमेरिका को बड़ा नुकसान होगा। ट्रंप ने अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग वापस लाने के लिए टैरिफ लगाने का फैसला लिया था। लेकिन, सच यह है कि अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए टैरिफ लगाने का ट्रंप का रास्ता पूरी तरह से फ्लॉप होता दिख रहा है। लेकिन, इस बीच इंडिया सहित दूसरे देशों में इससे काफी घबराहट दिखी है।
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इंडियन ऑटो कंपनियों के शेयरों को लगे पंख
ऑटो पार्ट्स को टैरिफ में राहत देने के ट्रंप के बयान से 15 अप्रैल को इंडियन ऑटो पार्ट्स कंपनियों के शेयरों में उछाल दिखा। Samvardhan Motherson, Sona BLW, Balkrishna Industries, Tata Motors, M&M, TVS Motor जैसी कंपनियों के शेयरों में करीब 7 फीसदी तक तेजी देखने को मिली।