SEBI के सख्त नियमों और बाजार में करेक्शन से रिटेल ट्रेडर्स की ऑप्शंस में दिलचस्पी घटी

रिटेल ऑप्शन के वॉल्यूम के साथ ही इसके टर्नओवर में भी गिरावट देखने को मिल रही है। नबंवर 2024 में रिटेल ऑप्शन का एवरेज डेली टर्नओवर 3.35 लाख करोड़ रुपए रहा। ये दिसंबर 2024 में घटकर 2.09 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। जनवरी 2025 में इसमें और गिरावट आई

अपडेटेड Mar 19, 2025 पर 12:52 PM
Story continues below Advertisement
नवंबर से SEBI के F&O में सख्त नियम लागू किए हैं। वीकली ऑप्शंस एक्सपायरी घटाई गई है। इंडेक्स में F&O कॉन्ट्रैक्ट साइज बढ़े हैं

SEBI के सख्त नियमों और बाजार में करेक्शन से रिटेल ट्रेडर्स की ऑप्शंस में दिलचस्पी काफी कम हो रही है। पिछले कुछ महीनों में रिटेल का ऑप्शंस ट्रेडिंग में वॉल्यूम 82 फीसदी तक घट गया है। बाजार में तेज करेक्शन से भी वॉल्यूम पर दबाव देखने को मिला है। रिटेल ऑप्शन वॉल्यूम पर नजर डालें तो सितंबर 2024 में 1204 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट हुए थे। वहीं, अक्टूबर 2024 में ये आंकड़ा 1294 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट रहा। इसी तरह नवंबर 2024 में ये आंकड़ा 978 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट पर रहा था।

दिसंबर 2024 में ये आंकड़ा घटकर 665 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट पर आ गया। जनवरी में 2025 में इसमें और गिरावट आई और यह आंकड़ा गिरकर 386 करोड़ कॉन्टैक्ट पर आ गया। फरवरी में भी गिरावट जारी रही। फरवरी 2025 में 230 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट ही हुए।

रिटेल ऑप्शन के वॉल्यूम के साथ ही इसके टर्नओवर में भी गिरावट


रिटेल ऑप्शन के वॉल्यूम के साथ ही इसके टर्नओवर में भी गिरावट देखने को मिल रही है। नबंवर 2024 में रिटेल ऑप्शन का एवरेज डेली टर्नओवर 3.35 लाख करोड़ रुपए रहा। ये दिसंबर 2024 में घटकर 2.09 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। जनवरी 2025 में इसमें और गिरावट आई। जनवरी 2025 में रिटेल ऑप्शन का एवरेज डेली टर्नओवर 1.92 लाख करोड़ रुपए पर रहा। इसके बाद फरवरी 2025 में रिटेल ऑप्शन का एवरेज डेली टर्नओवर 1.84 लाख करोड़ रुपए पर रहा। जबकि मार्च में अब तक रिटेल ऑप्शन का एवरेज डेली टर्नओवर 1.98 लाख करोड़ रुपए पर रहा।

वित्त वर्ष 2026 में 6.5% रहेगी भारत की विकास दर, बढ़ती अनिश्चितता के चलते ग्लोबल ग्रोथ में आएगी कमी : फिच

F&O में क्यों घटे रिटेल के वॉल्यूम?

F&O में क्यों घटे रिटेल के वॉल्यूम? इसका जवाब खोजें तो पता चलता है कि नवंबर से SEBI के F&O में सख्त नियम लागू किए हैं। वीकली ऑप्शंस एक्सपायरी घटाई गई है। इंडेक्स में F&O कॉन्ट्रैक्ट साइज बढ़े हैं। मार्जिन के नियम और सख्त किए गए हैं। बाजार में तेज करेक्शन नजर आया हैं जिससे रिटेल ट्रेडर F&O से दूर ही रहे हैं।

वॉल्यूम घटने का क्या हुआ असर?

F&O में रिटेल सेगमेंट का वॉल्यूम घटने से ऑप्शंस ट्रेडिंग में लिक्विडिटी पर दबाव बना है। बिड-आस्क स्प्रेड में बढ़ोतरी दिखी है। इसके साथ ही लिक्विडिटी घटने से ऑप्शंस प्रीमियम भी बढ़े हैं।

 

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Mar 19, 2025 12:41 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।