Silver ETF : सिल्वर ETF पर कोटक MF का बड़ा फैसला है। उसने सिल्वर ETF में एकमुश्त निवेश लेने से मना कर दिया है। फौरी तौर पर एकमुश्त निवेश और स्विच इन सब्सक्रिप्शन रोका गया है। स्पॉट भाव के मुकाबले ETF में 10-12 फीसदी प्रीमियम देखने को मिल रहा है। चांदी से बाजार भाव से चांदी ईटीएफ 10-12 फीसदी महंगा है। इसको ध्यान में रखते हुए कोटक MF ने यह फैसला लिया है। निवेशकों को जानबूझकर ETF ऊंची कीमतों से बचाने की कोशिश हो रही है। इस खबर के बाद आज सिल्वर ETFs में भारी वॉल्यूम के साथ गिरावट आई है।
बाजार में आज सिल्वर ETF में भारी वॉल्यूम के साथ कमजोरी आई है। भारी वॉल्यूम के साथ सभी ETF में गिरावट देखने को मिल रही है। ये बाजार में तीसरे सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाले शेयरों में शामिल है। कल CNBC-आवाज़ ने प्राइस मिसमैच को लेकर चेतावनी दी थी। इसमें कहा गया था कि चांदी और ETF के भाव में 15-20 फीसदी का फर्क है।
सिल्वर ETF में भारी वॉल्यूम
सिल्वर ETF के वॉल्यूम पर नजर डालें तो TATSILV का वॉल्यूम 9.46 करोड़ पर दिख रहा है। वहीं,SILVERBEES में 4.54 करोड़, SILVERCASE में 2.12 करोड़, SILVERIETF में 1.30 करोड़ और HDFCSILVER में 0.65 करोड़ का वॉल्यूम देखने को मिला है।
विदेशी ETFs में भी दिक्कत
देश में लिस्टेड विदेशी इंडेक्स के ETFs में भी परेशानी देखने को मिल रही है। विदेशी इंडेक्स के ETFs में भी लिक्विडिटी की दिक्कत है। कई ETFs भारी प्रीमियम पर ट्रेड होते हैं। कई-कई दिन तक तो कोई सेलर नहीं होता। क्यों है लिक्विडिटी की दिक्कत ? इसकी पड़ताल से पता चलता है कि विदेशी ETFs में निवेश की 7 अरब डॉलर की लिमिट पूरी हो गई है। लिमिट पूरी होने से MFs नई यूनिट जारी नहीं कर रहे हैं। नई यूनिट नहीं आने से मार्केट मेकर लिक्विडिटी नहीं बना पा रहे हैं। वहीं, पुराने यूनिट होल्डर प्रीमियम पर बेचना चाहते हैं।