वैल्यूएशन के नजरिए से भारतीय बाजार महंगा बना हुआ ऐसे में अगर कॉरपोरेट अर्निंग, राजनैतिक स्थिरता या जियो पोलिटिकल मोर्चे से कोई निगेटिव खबर आती है तो बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। ये बातें वाटर फील्ड एडवाइजर के शांतनु भार्गव ने मनीकंट्रोल के साथ हुई एक बातचीत में कही हैं। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि इन वजहों से वो पूरे विश्वास के साथ यह कहने की स्थिति में नहीं है कि बाजार में इस साल के अंत तक 11 फीसदी का उछाल देखने को मिलेगा। बाजार पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि शार्ट टर्म में बाजार के लिए भले ही कुछ दिक्कतें आ रही हों, लेकिन अगले 10 साल में भारतीय बाजार बहुत बड़े वेल्थ क्रिएटर बनकर उभरेंगे।
आईटी सेक्टर पर बात करते हुए शांतनु भार्गव ने कहा कि उम्मीद है कि अमेरिका में 2024 के चुनाव के बाद कंपनियों द्वारा आईटी पर किए जाने वाले खर्च में स्थिरता आएगी। उनका यह भी मानना है कि आगे हमें मिड कैप आईटी और लार्ज कैप आईटी कंपनियों के प्रदर्शन में अंतर दिखेगा। मिड टियर आईटी कंपनियां बढ़त हासिल करती नजर आएंगी।
दिसंबर तक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम
क्या RBI इस साल दरों की कटौती कर सकता है? इस सवाल का जवाब देते हुए शांतनु ने कहा कि दिसंबर तक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम है। अगले कई महीनों तक सिस्टम में काफी अच्छी लिक्विडिटी रहने की संभावना है। महंगाई कम होने के लिए मानसून का सामान्य रहना जरूरी है। लेकिन दक्षिण-पश्चिम मानसून पर अलनीनो का प्रभाव ज्यादा दिखने की संभावना है। जिससे कृषि उत्पादन पर निगेटिव असर देखने को मिल सकता है। ऐसा होने पर मंहगाई बढ़ने का खतरा होगा। ऐसे में दिसंबर 2023 तक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।
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