Market today : आज बेंचमार्क इंडेक्सों में भारी गिरावट आई। निफ्टी 247 अंक नीचे और सेंसेक्स 964 अंक नीचे बंद हुआ। फार्मा और हेल्थकेयर इंडेक्सों में 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई, जबकि आईटी, डिफेंस और फाइनेंशियल इंडेक्सों में 1 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 1,176.46 अंक या 1.49 फीसदी की गिरावट के साथ 78,041.59 पर और निफ्टी 364.2 अंक या 1.52 फीसदी की गिरावट के साथ 23,587.50 पर बंद हुआ। मिडकैप इंडेक्स में भी 167 अंकों की गिरावट आई और यह 58,556 पर आ गया। निफ्टी बैंक इंडेक्स में भी 564 अंकों की गिरावट आई और यह 51,576 पर बंद हुआ।
कोटक सिक्योरिटीज के हेड इक्विटी रिसर्च श्रीकांत चौहान ने कहा कि तकनीकी रूप से देखें तो एक गैपडाउन ओपनिंग के बाद बाजार पूरे दिन 23,900/79,200 से 24,000/79,500 के दायरे में घूमता रहा। श्रीकांत का मानना है कि शॉर्ट टर्म मार्केट सेंटीमेंट कमजोर बना हुआ है। हालांकि,टेपरेरी ओवरसोल्ड पोजीशन के कारण हमों मौजूदा स्तरों से एक पुलबैक रैली देखने को मिल सकती है। ट्रडरों के लिए अहम सपोर्ट जोन 23,870/79,000 और 200-डे एसएमए (सिंपल मूविंग एवरेज) या 23,825/78,800 पर हैं। अगर इंडेक्स इन स्तरों से ऊपर टिका रहता है, तो हम 24,150-24,200/79,500-79,800 की ओर एक पुलबैक रैली देख सकते हैं। इसके विपरीत,यदि यह 200-डे एसएमए या 23,825/78,800 से नीचे गिरते हैं, तो यह गिरावट 23,750-23,725/78,500-78,350 तक बढ़ सकती है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि अमेरिकी फेड द्वारा उम्मीद से कम दर कटौती को लेकर निराशा ने ग्लोबल मार्केट की धारणा को खराब कर दिया है। यह मंदी का नजरिया विशेष रूप से घरेलू बाजार को प्रभावित कर रहा है जो पहले से ही महंगे वैल्यूएशन और कम अर्निंग ग्रोथ से जूझ रहा था। अब तक आई बिकवाली व्यापक रही है जिसमें मिड और स्मॉल कैप शेयरों में भारी गिरावट आई है। इस सेगमेंट में वैल्यूएशन प्रीमियमाइजेशन ऐतिहासिक रुप से शिखर पर है। आईटी सेक्टर काफी अंडरपरफॉर्म कर रहा है क्योंकि यह 2025 में तेजी से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में से एक था। ब्याज दरों में कम कटौती के संकेत ने इस सेक्टर को काफी बड़ा झटका दिया है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि शुक्रवार को बाजार में तेज गिरावट आई। करेक्शन का दौर जारी रहने के कारण बाजार में करीब डेढ़ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। उतार-चढ़ाव भरी शुरुआत के बाद, निफ्टी पूरे दिन लगातार कमजोर होता गया और अपने लॉन्ग टर्म मूविंग एवरेज, 200 डीईएमए के अहम सपोर्ट को तोड़ता दिखा। रियल्टी, आईटी और ऑटो के साथ सभी सेक्टरों में बिकवाली का दबाव स्पष्ट था। ब्रॉडर इंडेक्स भी काफी प्रभावित हुए जिनमें 2.2 फीसदी से 3 फीसदी के बीच नुकसान दर्ज किया गया।
अनुमान के मुताबिक आईटी और बैंकिंग दिग्गजों में गिरावट बाजार के दबाव को बढ़ा रही है जो आगे आने वाली संभावित चुनौतियों का संकेत है। 23,250 के जोन के आसपास नवंबर का निचला स्तर अब अगले बड़े सपोर्ट के रूप में उभर रहा है। जबकि 23,850-24,000 रेंज किसी भी रिकवरी प्रयासों के लिए रजिस्टेंस जोन के रूप में काम कर सकता। ट्रेडरों को रिस्क मैनेजमेंट पर फोकस बनाए रखते हुए अपनी पोजीशन को इसके मुताबित समायोजित करना चाहिए।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि निवेशकों में घबराहट बनी रही और सभी शेयरों में भारी गिरावट आई। रुपये के मुकाबले डॉलर की लगातार मजबूती ने विदेशी निवेशकों को स्थानीय इक्विटी से दूर रहने और सुरक्षित डॉलर असेट्स में शरण लेने के लिए प्रेरित किया है। निवेशक अगले साल जनवरी के मध्य में ट्रम्प के कार्यभार संभालने के बाद उनकी ट्रेड नीतियों को लेकर भी आशंकित हैं। उनकी आक्रामक नीतियों से ग्लोबल बाजारों में और उथल-पुथल मच सकती है।
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