डॉलर के मुकाबले रुपये ने 88 रुपये का स्तर छू लिया है। इसका असर आपके मोबाइल और लैपटॉप पर पड़ सकता है। इनकी कीमतों में 5-10 फीसदा की बढ़ोतरी हो सकती है। डॉलर के मुकाबले लुढ़कते रुपये ने आम आदमी की परेशानी बढ़ा दी है। इसका असर आपको मोबाइल, लैपटॉप, टीवी और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान पर देखने को मिल सकता है।
रुपये ने डॉलर के मुकाबले 88 का स्तर छू लिया है। रुपए में पिछले 5 महीने में करीब 4.5 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है। इसका असर लैपटॉप, मोबाइल के पार्ट्स, टीवी और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कीमत पर पड़ेगा। इनका आयात अब महंगा होगा और और आपके लिए इनके दाम 5-10 फीसदी तक बढ़ सकते है। बता दें कि भारत हर साल करीब 90 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक का सामान आयात करता है।
ट्रंप के आने के बाद डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। ट्रंप के स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ लगाने के बाद रुपये में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला है। जानकार मानते है कि आने वाले दिनों में रुपये में और गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि रुपये की गिरने से निर्यातकों को फायदा भी हो रहा है। लेकिन इसमें तेजी से उतार चढाव परेशानी का कारण भी बन रहा है।
रुपए का आज की चाल पर नजर डालें तो बैंकों द्वारा डॉलर की बिकवाली के सपोर्ट से आज मंगलवार को रुपया 63 पैसे की बढ़त के साथ 86.82 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। ये लगभग दो वर्षों में एक दिन में आई सबसे बड़ी बढ़त है। विदेशी मुद्रा कैरोबारियों का कहना है कि 88 के स्तर के करीब पहुंचने के एक दिन बाद मंगलवार को आई तेज बढ़त ग्लोबल टैरिफ वॉर की चिंताओं के बीच अत्यधिक वोलेटाइल करेंसी मार्केट का संकेत है।
आज इंटरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 87.45 पर खुला और कारोबार के दौरान 86.61 के उच्चतम स्तर को छू गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 86.82 जो पिछले बंद भाव से 63 पैसे की बढ़त है। रुपए ने इससे पहले 3 मार्च, 2023 को अपनी सबसे बड़ी एक दिन की बढ़त दर्ज की थी। उस दिन यह 63 पैसे बढ़ कर बंद हुआ था।
सोमवार को रुपया पहले हाफ में 45 पैसे गिरकर 88 डॉलर के करीब पहुंच गया था,लेकिन दूसरे हाफ में इसमें नाटकीय उछाल आया था और यह 87.45 पर बंद हुआ। RBI की ओर से डॉलर की बिक्री ने रुपये को अब तक के सबसे निचले स्तर से उबरने में मदद की है।