Stock market: भारत के वोलैटिलिटी इंडेक्स को India VIX कहा जाता है। आमतौर पर इसको "फीयर इंडेक्स" के तौर पर भी जाना जाता है। गौरतलब है कि ये इंडेक्स इस समय अपने 20 महीने के निचले स्तर के करीब दिख रहा है। ये यह दर्शाता है कि निवेशक शेयर बाजार में आगे तेजी आने की संभावना देख रहे हैं। बताते चलें कि चूंकि India VIX अगले 30 दिनों में इंडेक्स में संभावित अस्थिरता का अंदाजा लगाता है इसी कारण से इसे फीयर इंडेक्स भी कहा जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह इंडेक्स अंडरलाइंग एसेट के ऑप्शन कॉन्ट्रैक्टों के भाव के आधार पर ये अंदाजा लगाता है कि अगले 30 दिनों में अंडरलाइंग एसेट के भाव में कितना उतार-चढ़ाव हो सकता है।
अप्रैल में अब तक VIX 20 फीसदी गिरा
पिछले हफ्ते, India VIX में 11.79 अंको की गिरावट देखने को मिली। ये जुलाई 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है। अकेले अप्रैल में अब तक VIX 20 फीसदी गिर चुका है। बता दें कि जब VIX रीडिंग कम या निचले स्तर की होती है तो इसको सकारात्मक संकेत माना जाता है। VIX रीडिंग कम होने पर माना जाता है कि आगे बाजार पर निवेशकों का विश्वास बना रहेगा और इसमें स्थिरता रहेगी। वहीं, अगर VIX की रीडिंग बड़ी होती है तो माना जाता है कि निवेशक बाजार की स्थिरता को लेकर चिंतित हैं और उनको लगता है कि आगे बाजार में गिरावट हो सकती है।
24 मार्च, 2020 को 86.63 के अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद से इंडिया VIX 86 फीसदी तक गिर गया है। बताते चलें की 24 मार्च, 2020 को कोविड-19 आउट ब्रेक के चलते पूरी दुनिया के मार्केट क्रैश हो गए थे। पिछले साल 8.35 फीसदी की गिरावट के बाद इस साल अब तक इंडिया VIX इंडेक्स में 17.45 फीसदी की गिरावट आई है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार का कहना है कि निफ्टी में हाल के दिनों में आई तेजी की वजह मुख्य रूप से एफआईआई द्वारा लगातार हो रही खरीदारी रही है। इन दोनों के बीच के सहसंबंध से संकेत मिलता है कि आगे बाजार में तेजी के रुझान के साथ स्थिरता बनी रहने की संभावना है।
पिछले लगातार आठ कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार में 1.14 अरब डॉलर की खरीदारी की है। इसके साथ ही बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी ने लगातार आठ सत्रों में बढ़त हासिल की है और ये एक महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गये हैं। इस अवधि के दौरान दोनों प्रमुख सूचकांकों में लगभग 5 फीसदी की बढ़त हुई है। जबकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में क्रमशः 5.3 फीसदी और 7.3 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
India VIX का कम होना भी कई मामलों में जोखिम भरा साबित हो सकता है
इसके बावजूद कुछ बाजार जानकारों की राय है कि India VIX का कम होना भी कई मामलों में जोखिम भरा साबित हो सकता है। India VIX के कम होने से कई निवेशकों में लापरवाही और आत्मसंतुष्टि के भाव आ सकते हैं और वे अपनी क्षमता से ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं। आमतौर पर जब निवेशक ओवरकॉन्फिडेंट (अतिआत्मविश्वासी) हो जाते हैं तो वे बाजार के संभावित जोखिमों की उपेक्षा कर देते हैं और अपनी जोखिम क्षमता से ज्यादा बड़ी पोजीशन ले लेते हैं। ऐसे में अगर बाजार में अमेरिकी बैंकिंग संकट जैसी कोई आकस्मिक घटना होती है तो अफरा-तफरी फैल सकती है। ऐसे मामलों में बहुत अधिक जोखिम लेने वाले निवेशक खुद को बहुत ही खराब स्थिति में पा सकते हैं।
बाजार में तेजी की बढ़ रही उम्मीद, लंबी अवधि के नजरिए से लगाएं दांव
एफआईआई की खरीदारी के अलावा महंगाई में नरमी और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में ब्याज दरों में वृद्धि पर रोक बाजार में आशावाद को बढ़ा रही है। मार्च में भारत की खुदरा महंगाई दर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की 6 फीसदी की ऊपरी सीमा से नीचे आ गई है। इसके अलावा कोर इंफ्लेशन भी मार्च में घटकर 5.8 फीसदी पर रहा है। ये फरवरी में 6.1 फीसदी पर था। बता दें कि कोर इंफ्लेशन में भारी उतार चढ़ाव वाले खाने-पीने की चीजों और ईंधन आइटम के भाव शामिल नहीं होते हैं।
इसके अलावा बाजार एक साल से अधिक समय से सीमित दायरे में ही घूम रहा है और एक साल की आगे की आय के 18 गुना के वैल्यूएशन को सस्ता नहीं तो उचित माना जा रहा है। शेयरखान के गौरव दुआ का कहना है कि एफआईआई व्यवहार की भविष्यवाणी करना मुश्किल है। शॉर्ट टर्म में एफआईआई की तरफ से हो रही खरीदारी को लॉन्ग टर्म ट्रेंड के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
दुआ ने आगे कहा कि इस समय वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत की अर्थव्यवस्था विकास की किरण के रूप में नजर आ रही है। कुल मिलाकर भारतीय इक्विटी बाजार की आगे की संभावनाएं अच्छी दिख रही हैं। ऐसे में निवेशकों को सलाह होगी कि वे भारत की लॉन्गटर्म ग्रोथ स्टोरी को ध्यान में रखते हुए वर्तमान वोलैटिलिटी में हाई क्वालिटी के स्टॉक्स पर दांव लगाएं।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।