शेयरों में बड़ा खेल? 4 रुपये से ₹118 पर पहुंच गई शेयर की कीमत, अब SEBI ने चलाया चाबुक

SEBI ने एक आदेश के जरिए एड-टेक और न्यू-मीडिया कंपनी ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड (Brightcom Group Limited ) के खिलाफ एक कड़ा आदेश जारी किया है। कभी रिटेल निवेशकों की पसंदीदा रही इस कंपनी के शेयरों की कीमत अप्रैल 2021 में महज 4 रुपये के भाव से उछलकर दिसंबर 2021 में 118 रुपये पर पहुंच गई थी।

अपडेटेड Apr 14, 2023 पर 3:08 PM
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Brightcom Group के शेयर गुरुवार 13 अप्रैल को 15.45 रुपये के भाव पर बंद हुए थे

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एक आदेश के जरिए एड-टेक और न्यू-मीडिया कंपनी ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड (Brightcom Group Limited ) के खिलाफ एक कड़ा आदेश जारी किया है। ब्राइटकॉम ग्रुप को कॉरपोरेट गवर्नेंस के स्तर पर अपनी विफलताओं के चलते मार्केट रेगुलेटर की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इन विफलताओं में वित्तीय जानकारी और कारोबारी लेनदेन का खुलासा नहीं करने सहित कई गंभीर चूक शामिल हैं। कभी रिटेल निवेशकों की पसंदीदा रही इस कंपनी के शेयरों की कीमत अप्रैल 2021 में महज 4 रुपये के भाव से उछलकर दिसंबर 2021 में 118 रुपये पर पहुंच गई थी। गुरुवार 13 अप्रैल को कारोबार खत्म होते समय, कंपनी के शेयर 15.45 रुपये के भाव पर बंद हुए थे।

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्वनी भाटिया ने आदेश में लिखा, "यह साफ है कि 30 सितंबर 2014 के बाद से ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों की कीमत में समय के साथ गिरावट आई थी। अगर कंपनी ने अकाउंटिंग अनियमितताओं का सहारा नहीं लिया होता, तो इसका वास्तविक मुनाफा रिपोर्ट किए गए मुनाफे से काफी कम होता। इसके अलावा बैलेंस शीट में जो खुलासा किया गया था, कंपनी के एसेट्स और रिजर्व भी उससे काफी अलग होते। इससे शेयर की कीमतों में बहुत अधिक गिरावट आई होती।"

भाटिया ने अकाउंटिंग अनियमितताओं के चलते कंपनी अपने वित्तीय सेहत को लेकर एक गुलाबी तस्वीर पेश करती है। उन्होंने कहा, "BGL के सार्वजनिक शेयरधारकों सहित सभी हितधारकों के फैसला लेने की प्रक्रिया इससे प्रभावित हुआ, क्योंकि वे इस तरह के अकाउंटिंग अनियमितताओं से बेखबर थे।"


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इस बीच, Brightcom Group में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 31 मार्च 2014 को 40.45 प्रतिशत थी, जो 31 मार्च 2020 को घटकर 13.96 प्रतिशत और फिर 30 जून 2022 को घटकर 3.51 प्रतिशत हो गई। भाटिया ने आदेश में कहा, "पहले अकाउंटिंग अनियमितताओं के जरिए भारी मुनाफा दिखाकर कंपनी के शेयरों की कीमत बढ़ाई गई, फिर उस बढ़ी हुई कीमत प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी बेचकर कंपनी से निकल गए।"

मार्केट रेगुलेटर ने कंपनी और उसके डायरेक्टरों को वित्त वर्ष 2015 से 2022 तक की अवधि के कंसॉलिडिटेडे वित्तीय नतीजों की जांच करने का आदेश दिया गया है, जिससे ये पक्का किया जा सके इन्हें अकाउंटिंग नियमों का पालन करते हुए जारी किया था।

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