सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एक आदेश के जरिए एड-टेक और न्यू-मीडिया कंपनी ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड (Brightcom Group Limited ) के खिलाफ एक कड़ा आदेश जारी किया है। ब्राइटकॉम ग्रुप को कॉरपोरेट गवर्नेंस के स्तर पर अपनी विफलताओं के चलते मार्केट रेगुलेटर की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इन विफलताओं में वित्तीय जानकारी और कारोबारी लेनदेन का खुलासा नहीं करने सहित कई गंभीर चूक शामिल हैं। कभी रिटेल निवेशकों की पसंदीदा रही इस कंपनी के शेयरों की कीमत अप्रैल 2021 में महज 4 रुपये के भाव से उछलकर दिसंबर 2021 में 118 रुपये पर पहुंच गई थी। गुरुवार 13 अप्रैल को कारोबार खत्म होते समय, कंपनी के शेयर 15.45 रुपये के भाव पर बंद हुए थे।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्वनी भाटिया ने आदेश में लिखा, "यह साफ है कि 30 सितंबर 2014 के बाद से ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों की कीमत में समय के साथ गिरावट आई थी। अगर कंपनी ने अकाउंटिंग अनियमितताओं का सहारा नहीं लिया होता, तो इसका वास्तविक मुनाफा रिपोर्ट किए गए मुनाफे से काफी कम होता। इसके अलावा बैलेंस शीट में जो खुलासा किया गया था, कंपनी के एसेट्स और रिजर्व भी उससे काफी अलग होते। इससे शेयर की कीमतों में बहुत अधिक गिरावट आई होती।"
इस बीच, Brightcom Group में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 31 मार्च 2014 को 40.45 प्रतिशत थी, जो 31 मार्च 2020 को घटकर 13.96 प्रतिशत और फिर 30 जून 2022 को घटकर 3.51 प्रतिशत हो गई। भाटिया ने आदेश में कहा, "पहले अकाउंटिंग अनियमितताओं के जरिए भारी मुनाफा दिखाकर कंपनी के शेयरों की कीमत बढ़ाई गई, फिर उस बढ़ी हुई कीमत प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी बेचकर कंपनी से निकल गए।"
मार्केट रेगुलेटर ने कंपनी और उसके डायरेक्टरों को वित्त वर्ष 2015 से 2022 तक की अवधि के कंसॉलिडिटेडे वित्तीय नतीजों की जांच करने का आदेश दिया गया है, जिससे ये पक्का किया जा सके इन्हें अकाउंटिंग नियमों का पालन करते हुए जारी किया था।