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FIIs : अब तो पधारो म्हारे देश! आज नहीं तो कल FIIs को भारत आना ही होगा

FIIs Flows : कमजोर डॉलर इमर्जिंग मार्केट के लिए अच्छा है। डॉलर की कमजोरी से अमेरिकी मार्केट में मिलने वाला रिटर्न कम होगा। जिसके चलते निवेशक उभरते बाजारों की ओर रुख करेंगे। दूसरी वजह आकर्षक वैल्युशन है। तेजी के लंबे दौर के बाद अमेरिकी बाजार अब महंगे हो गए हैं

अपडेटेड Apr 08, 2025 पर 10:54 AM
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भारत में एफआईआई के लौटने की छठी वजह US की आपदा में छुपा अवसर है। अगर ट्रंप टैरिफ और दूसरी वजहों से US में मंदी आई तो भारत अच्छा निवेश डेस्टिनेशन बन जाएगा

Market Outlook : ट्रंप ने जो झटका दिया है उसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। खुद अमेरिका के बाजारों का हाल बेहाल है। 2 दिनों में ही US निवेशकों के 5 ट्रिलियन डॉलर हवा हो गए हैं। जानकार अमेरिका में मंदी की बातें कर रहे हैं। बड़ा सवाल ये है कि US की आपदा क्या हमारे लिए अवसर साबित हो सकती है? FIIs क्या हमारे देश में दोबारा पधारेंगे? इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश में हमें ऐसी 10 ठोस वजहें मिलती हैं जो बता रही हैं कि FIIs को भारत का रुख करना ही पड़ेगा। आज नहीं तो कल FIIs को भारत आना ही होगा।

FIIs के लौटने की 10 वजहें

इसमें से पहली वजह है डॉलर की कमजोरी। कमजोर डॉलर इमर्जिंग मार्केट के लिए अच्छा है। डॉलर की कमजोरी से अमेरिकी मार्केट में मिलने वाला रिटर्न कम होगा। जिसके चलते निवेशक उभरते बाजारों की ओर रुख करेंगे। दूसरी वजह है आकर्षक वैल्युशन। तेजी के लंबे दौर के बाद अमेरिकी बाजार अब महंगे हो गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ अच्छे करेक्शन के बाद भारतीय बाजार का वैल्यूएशन अब आकर्षक हो गया है।


तीसरी वजह है क्रूड का सस्ता होना। सस्ते क्रूड से इकोनॉमी को फायदा होगा। क्रूड सस्ता होने से रुपया भी मजबूत होगा। चौथी वजह है गिरती यूएस बॉन्ड यील्ड। अमेरिका में 10 साल की बॉन्ड यील्ड गिरी है। इससे भारत में बेहतर रिटर्न के मौके नजर आ रहे हैं। पांचवी वजह है मजबूत घरेलू डिमांड। देश में घरेलू डिमांड में मजबूती देखने को मिल रही है। हाल के टैक्स कटौती से भी कंज्प्शन को बूस्ट मिला है।

भारत में एफआईआई के लौटने की छठी वजह US की आपदा में छुपा अवसर है। अगर ट्रंप टैरिफ और दूसरी वजहों से US में मंदी आई तो भारत अच्छा निवेश डेस्टिनेशन बन जाएगा। भारत दुनिया का सबसे तेज ग्रोथ वाला देश है। देश में FIIs के लौटने की सातवीं वजह सस्ता होता कर्ज है। 2025 में आरबीआई की दरों में 0.5 फीसदी कटौती की उम्मीद है। इससे बैंक, NBFCS और ऑटो जैसे रेट सेंसटिव सेक्टरों को फायदा होगा। इसके बाद महंगाई कंट्रोल में होना भी FIIs के लौटने की बड़ी वजह हो सकती है। दूसरे इमर्जिंग देशों के मुकाबले भारत में कम महंगाई है।

चीन डाउनग्रेड के रेटिंग डाउनग्रेड से भारत को फायदा होगा। फिच ने चीन को डाउनग्रेड किया है। भारत को इसका फायदा मिलेगा। मेटल में नरमी भी भारतीय बाजार को लिए अच्छा संकेत है। इससे कंपनियों के मार्जिन में सुधार होगा। इससे ऑटो, इलेक्ट्रॉनिकल और कंज्यूमर कंपनियों को फायदा होगा।

 

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