SHUBHAM AGARWAL
SHUBHAM AGARWAL
F&O Cues : पिछले कुछ समय से बाजार अपने ऑलटाइम हाई के करीब कारोबार कर रहे है। इस समय ट्रेड करना आकर्षक होने के साथ-साथ थोड़ा डरावना भी लग रहा है। इतनी बढ़त के बाद एक छोटा सा करेक्शन भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। बाजार की बड़ी तस्वीर अभी भी बदलने की संभावना नहीं हैं। लेकिन जिस ट्रेड को हमने ब्रेकआउट के नजरिए से लिया था वह गलत साबित होने पर हमारे आत्मविश्वास को तोड़ सकता है।
हम कह सकते हैं कि ऊपरी स्तर पर किसी बड़े मूव के बाद बस अपने स्टॉप लॉस को ट्रैक करें ताकि कुछ मुनाफा लॉक हो जाए। लेकिन कई बार मुनाफे को लॉक करने के लिए ऐसे बड़े मूव नहीं आते।ज्यादातर समय जब ऐसा मौका आता है तो नुकसान से बचने का आसान जवाब होता है आप्शंस। फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट खरीदने के बजाय हम आगे बढ़ कर कॉल ऑप्शन खरीद सकते हैं। हालांकि, आप्शंस के साथ भी अपनी समस्याएं होती हैं।
इस बात को ध्यान में रखें कि कोई स्टॉक एक ही स्तर के आसपास लंबे समय तक टिका रह सकता है। वायदा कारोबार करते समय इससे हमें परेशान नहीं हो सकती है। लेकिन आप्शंस समय के प्रति संवेदनशील होते हैं। हम सभी जानते हैं कि समय बीतने के साथ आप्शंस का प्रीमियम लगातार कम होता जाता है।
हालांकि, अच्छी बात यह है कि आप्शंस, फ्यूचर्स की तुलना में अंडरलाइंग एसेट की कीमत के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इसका मतलब ये है कि अंडरलाइंग स्टॉक या इंडेक्स में 1 फीसदी की बढ़ोतरी का मतलब वायदा कीमत में 1 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, लेकिन इसका मतलब ऑप्शन प्रीमियम में 10 -20 फीसदी की बढ़ोतरी भी हो सकती है।
ऐसे में हम हाई परसेंटेज इम्पैक्ट का फायदा उठाते हुए एक ऐसी ऑप्शन रणनीति बना सकते हैं जो हमें ऑप्शन ट्रेड करने में मदद करती है और साथ ही ऑप्शन प्रीमियम पर समय बीतने के साथ पड़ने वाले निगेटिव प्रभाव को कम करते हुए अधिकतम लाभ पहुंचा सकती है।
तो, कल्पना कीजिए कि कोई स्टॉक एक्स 1000 पर कारोबार कर रहा है।
फ्यूचर्स कॉन्ट्रेक्ट खरीदने के बजाय, हम 18 पर 1000 की स्ट्राइक का कॉल खरीदते हैं। स्टॉक के केवल 2% बढ़कर 1020 पर पहुंचनें पर 1000 की स्ट्राइक कॉल 30 पर होगी।
अब, हम जानते हैं कि स्टॉक बढ़ना शुरू हो गया है। ऐसे में मुनाफ़ा बुक करने के बजाय, हायर स्ट्राइक वाला कॉल जैसे 1040 की कॉल 10 पर बेचें जो स्टॉक के 1000 पर रहने पर 5 पर होता। ऐसे में हमारा ट्रेड होगा 1000 की कॉल 18 पर खरीदें और 1040 की कॉल 10 पर बेचें।
अधिकतम घाटा = चुकाया गया नेट प्रीमियम = 18-10 = 8
अधिकतम मुनाफा = स्ट्राइक अंतर - चुकाया गया नेट प्रीमियम = 1040 - 1000 - 8 = 32
यह 4:1 का रिवॉर्ड टू रिस्क है। इसमें स्टॉप लॉस की भी कोई जरूरत नहीं है।
दूसरी ओर अगर 980 पर स्टॉप लॉस 1020 के बजाय 2% तक पहुंच गया, तो 1000 का कॉल 10 पर आ जाएगा और फिर से केवल 8 का नुकसान होगा।
तो ऐसे में रणनीति एकदम सरल है। अडरलाइंग में में स्टॉप लॉस के साथ कॉल आप्शन खरीदें। अगर यह अडरलाइंग में स्टॉप लॉस तक पहुंच जाता है, तो बाहर निकल जाएं। वहीं, अगर यह ऊपर बढ़ना शुरू कर देता है तो स्टॉप लॉस की आधी दूरी तय करने के बाद स्ट्राइक की कॉल को लक्ष्य मूल्य के करीब बेच दें।
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एक्सपायरी से पहले टारगेट पर मुनाफा 32 से थोड़ा कम होगा। लेकिन यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर 1000 का पिछला स्टॉप लॉस हिट होता है तो भी ये रणनीति कुछ पैसे कमाएगी। वहीं, यहां फ्यूचर्स में कोई पैसा नहीं बनेगा। इसके साथ ही ऑप्शन में Buy + Sell पोजीशन समय से जुड़े नुकसान से भी बचाएगी।
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