भारतीय शेयरों में FPI का भरोसा कायम, सीजफायर के बाद बढ़ा निवेश; मई में अब तक लगाए ₹18620 करोड़

FPI Investment in May: अप्रैल में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की गतिविधियों में तेज उछाल देखा गया। अप्रैल में उन्होंने शेयरों में 4,223 करोड़ रुपये डाले थे। 2025 में अब उनकी कुल निकासी घटकर 93,731 करोड़ रुपये रह गई है

अपडेटेड May 18, 2025 पर 1:05 PM
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FPI ने मार्च में शेयरों से 3,973 करोड़ रुपये निकाले थे।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) का भारतीय शेयर बाजार में भरोसा कायम है। वैश्विक अनुकूल परिस्थितियों और मजबूत घरेलू फंडामेंटल्स के बीच मई महीने में अब तक FPI ने भारतीय शेयरों में 18,620 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले अप्रैल में उन्होंने शेयरों में 4,223 करोड़ रुपये डाले थे। यह 3 माह बाद भारतीय शेयरों में उनका पहला शुद्ध निवेश था। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मार्च में शेयरों से 3,973 करोड़ रुपये, फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जियोजीत इनवेस्टमेंट्स के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार का कहना है कि FPI की भारतीय बाजार में खरीद जारी रहने की संभावना है। ऐसे में बड़ी कंपनियों के शेयरों में मजबूती रहेगी। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने 16 मई तक भारतीय शेयरों में 18,620 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस तरह 2025 में अब उनकी कुल निकासी घटकर 93,731 करोड़ रुपये रह गई है।

अप्रैल के मध्य से शुरू हुई FPI की खरीदारी


अप्रैल में भारतीय शेयर बाजार में FPI की गतिविधियों में तेज उछाल देखा गया। अप्रैल के मध्य में शुरू हुई उनकी खरीदारी का सिलसिला अब भी जारी है। मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर- मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव के मुताबिक, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच शांति के बाद FPI का भारतीय बाजार में निवेश बढ़ा है।’’

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उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर 90 दिन की सहमति के बाद वैश्विक स्तर पर जोखिम की भावना में भी सुधार हुआ है। इससे विदेशी निवेशक एक बार फिर अपने फंड को भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर शिफ्ट कर रहे हैं। बॉन्ड या डेट मार्केट की बात करें तो आंकड़ों के अनुसार, FPI ने मई में अब तक भारतीय बॉन्ड से जनरल लिमिट के तहत 6,748 करोड़ रुपये निकाले हैं। वहीं वॉलंटरी रिटेंशन रूट से 1,193 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

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