FPI की बिकवाली का दौर जारी, नवंबर में भारतीय शेयर बाजार से निकाले 5800 करोड़ रुपये

बढ़ती ब्याज दरों और मिडिल-ईस्ट में जियो-पॉलिटिकल टेंशन के बीच विदेशी निवेशक (FPI) बिकवाली कर रहे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार इसके पहले FPI ने अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये निकाले थे

अपडेटेड Nov 12, 2023 पर 12:26 PM
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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली का सिलसिला जारी है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली का सिलसिला जारी है। FPI ने नवंबर में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। बढ़ती ब्याज दरों और मिडिल-ईस्ट में जियो-पॉलिटिकल टेंशन के बीच विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार इसके पहले FPI ने अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये निकाले थे।

क्या है एक्सपर्ट्स की राय

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक 1-10 नवंबर के दौरान FPI ने 5,805 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर - मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "सितंबर में शुरू हुई एफपीआई की बिकवाली अक्टूबर में भी जारी रही और नवंबर में इस ट्रेंड के बदलने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। हालांकि इस महीने बिक्री की रफ्तार में कमी आई है। इसका मुख्य कारण इजरायल और हमास के बीच संघर्ष के कारण बढ़ते जियो-पॉलिटिकल टेंशन के साथ-साथ अमेरिकी ट्रेजरी बांड यील्ड में बढ़ोतरी है।"


एक्सपर्ट्स का मानना है कि वर्तमान में सोने और अमेरिकी डॉलर जैसी सेफ-हैवन एसेट्स पर फोकस बढ़ाया जा सकता है। दूसरी ओर आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर में 6381 करोड़ रुपये प्राप्त करने के बाद नवंबर में डेट मार्केट ने 6,053 करोड़ रुपये आकर्षित किए।

श्रीवास्तव ने कहा, "फाइनेंशिय में एफपीआई की निरंतर बिकवाली ने बैंकिंग शेयरों के वैल्यूएशन को आकर्षक बना दिया है। आम चुनावों से पहले शेयर बाजार में तेजी की संभावना है जैसा कि पिछले पांच आम चुनावों के दौरान हुआ था। लीडिंग बैंकिंग शेयरों में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता है।"

लगातार 6 महीने हुई थी खरीदारी

हालांकि, बिकवाली की शुरुआत से पहले मार्च से अगस्त तक 6 महीनों में लगातार विदेशी निवेशकों ने खरीदारी की थी। इस अवधि के दौरान 1.74 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आगे चलकर बिक्री का यह रुझान जारी रहने की संभावना नहीं है, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछले हफ्ते अपनी बैठक में नरम रुख का संकेत दिया था।

Shubham Singh Thakur

Shubham Singh Thakur

Tags: #FPI

First Published: Nov 12, 2023 12:26 PM

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