FPI Sell-off: 6 दिन में विदेशी निवेशकों ने बेचे ₹11500 करोड़ के शेयर, अब आगे ये है रुझान

FPI Sell-off: पिछले साल अक्टूबर में ताबड़तोड़ बिकवाली शुरू की थी और 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के नेट शेयर बेचे थे। बिकवाली का यह रुझान आगे भी जारी रहा, सिवाय दिसंबर के पहले हफ्ते में छोड़कर। इस साल के शुरुआती 6 कारोबारी दिनों में उन्होंने 11500 करोड़ रुपये के शेयरों की नेट बिक्री कर डाली है। जानिए बिकवाली का दबाव क्यों है और आगे क्या रुझान है?

अपडेटेड Jan 09, 2025 पर 11:15 AM
Story continues below Advertisement
FPI Sell-off: पिछले साल दिसंबर 2024 के पहले हफ्ते को छोड़ दिया जाए तो पिछले साल अक्टूबर महीने में शुरू हुई विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली इस साल भी जारी है।

FPI Sell-off: पिछले साल दिसंबर 2024 के पहले हफ्ते को छोड़ दिया जाए तो पिछले साल अक्टूबर महीने में शुरू हुई विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली इस साल भी जारी है। इस साल जनवरी के शुरुआती छह कारोबारी दिनों में अब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने 11500 करोड़ रुपये के शेयरों की नेट बिक्री कर डाली है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कंपनियों के लिए कमजोर दिसंबर तिमाही और भारत में सुस्ती की आशंका के चलते ही विदेशी निवेशक धड़ाधड़ शेयर बेच रहे हैं। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपतिकाल में टैरिफ को लेकर अनिश्चितता ने भी बिकवाली का दबाव बढ़ाया है। इन सबके चलते जो माहौल बना है, उसे एचएमपीवी वायरस के बढ़ते मामलों ने और भयावह

बना दिया। वहीं इस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 12600 करोड़ रुपये के शेयरों की नेट खरीदारी की। वहीं खुदरा निवेशकों ने 2770 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की।

FPI की 'सेल ऑन राइज' स्ट्रैटेजी

दिसंबर में एफपीआई ने सेकंडरी मार्केट से 2,590 करोड़ रुपये की निकासी की और प्राइमरी मार्केट में 18,000 करोड़ रुपये डाले यानी कि लिस्टेड मार्केट में 2590 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की। अक्टूबर में बिकवाली अपने चरम पर थी, जब एफपीआई ने सेकंडरी मार्केट में 1.14 लाख करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की, जबकि प्राइमरी मार्केट में 19,840 करोड़ रुपये डाले। दिसंबर 2024 के पहले हफ्ते में एफपीआई का रुझान पलटा था और उन्होंने सेकंडरी मार्केट में खरीदारी शुरू की थी लेकिन फिर बिकवाली शुरू कर दी। इस साल 2025 की शुरुआत में मार्केट में तेजी का एफपीआई ने फायदा उठाया और फिर बिकवाली तेज की।


एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

एक्सिस सिक्योरिटीज के राजेश पालवीय का मानना ​​है कि एफपीआई का फोकस कंपनियों की कमाई पर बनी हुई है। राजेश के मुताबिक व्यापक आर्थिक डेटा, कंपनियों के तिमाही नतीजे, ट्रम्प की टैरिफ नीतियों और भारत में बजट पर अनिश्चितता के चलते फिलहाल यह सुस्ती बनी रह सकती है। चीन में बढ़ते एचएमपीवी मामलों ने बिकवाली का माहौल और बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि जब तक इन मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट नहीं होती है, एफपीआई द्की बिकवाली जारी रहने की उम्मीद है।

सरकार ने हाल ही में इस वित्त वर्ष 6.4 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया जो चार साल में सबसे सुस्त स्पीड है और यबह कोरोना के पहले के ग्रोथ का लेवल पर लौटने का संकेत है। इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड का तो मानना है कि अगले कुछ वर्षों तक 6.5 फीसदी की ही औसतन रफ्तार से जीडीपी बढ़ेगी। वर्ल्ड बैंक का अनुमान 6.7 फीसदी का है जबकि गोल्डमैन का अनुनान इस वित्त वर्ष 2025 में 6 फीसदी की ग्रोथ का है।

नुवामा रिसर्च ने अपने हालिया नोट में कहा कि लगातार सातवीं तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) रेवेन्यू और प्रॉफिट की ग्रोथ सुस्त बनी हुई है। नुवामा के मुताबिक इस छमाही निफ्टी ईपीएस महज 2 फीसदी बढ़ सकता है जोकि वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 4 फीसदी की स्पीड से बढ़ा था। विदेशी निवेशकों का फोकस अब बजट पर रहेगा जिसमें सरकारी खर्च बढ़ने के आसार है और खपत बढ़ाने के लिए अहम ऐलान हो सकते हैं। इसके अलावा अगले महीने आरबीआई की मौद्रिक नीतियों के ऐलान पर भी नजर रहेगी।

Davin Sons IPO Listing: अपर सर्किट, फिर भी 16% का तगड़ा घाटा, शेयर बेचने से पहले चेक करें कारोबारी सेहत

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

Moneycontrol News

Moneycontrol News

First Published: Jan 09, 2025 11:15 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।