पिछले 10 साल में कैसा रहा सेंसेक्स का सफर? कई गुना तक बढ़ गया सूचकांक

पिछले दशक में बीएसई सेंसेक्स की परफॉर्मेंस मिली-जुली रही और ग्लोबल और डोमेस्टिक इकोनॉमिक फैक्टर्स का असर बाजार पर देखने को मिला। 2015 में सेंसेक्स 1,382 अंक यानी 5.02 पर्सेंट की गिरावट रही और यह 26,118 पर बंद हुआ। हालांकि, इसके अगले साल यानी 2016 में ग्लोबल अनिश्चितताओं की वजह से यह 1.9 पर्सेंट बढ़ा, जबकि 2017 में सेंसेक्स 27.9 पर्सेंट यानी 7,430 अंक बढ़कर 34,057 पर पहुंच गया। 2018 में सेंसेक्स 2,012 अंक यानी 5.9 पर्सेंट बढ़ा। 2019 में सेंसेक्स में 5,185 अंक यानी 14.4 पर्सेंट की बढ़त रही

अपडेटेड Jan 01, 2025 पर 8:29 PM
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हम आपको बता रहे हैं कि 2015 से 1 जनवरी 2025 तक पिछले 10 साल में मार्केट की परफॉर्मेंस कैसी रही।

पिछले दशक में बीएसई सेंसेक्स की परफॉर्मेंस मिली-जुली रही और ग्लोबल और डोमेस्टिक इकोनॉमिक फैक्टर्स का असर बाजार पर देखने को मिला। 2015 में सेंसेक्स 1,382 अंक यानी 5.02 पर्सेंट की गिरावट रही और यह 26,118 पर बंद हुआ। हालांकि, इसके अगले साल यानी 2016 में ग्लोबल अनिश्चितताओं की वजह से यह 1.9 पर्सेंट बढ़ा, जबकि 2017 में सेंसेक्स 27.9 पर्सेंट यानी 7,430 अंक बढ़कर 34,057 पर पहुंच गया। 2018 में सेंसेक्स 2,012 अंक यानी 5.9 पर्सेंट बढ़ा। 2019 में सेंसेक्स में 5,185 अंक यानी 14.4 पर्सेंट की बढ़त रही।

इसके बाद 2020 में कोरोना महामारी आने के बाद सेंसेक्स में 6,498 अंकों का इजाफा हुआ और इसमें 15.8 पर्सेंट की बढ़त रही। इसके बाद 2021 में शेयर बाजार में 10,502 अंक यानी 22 पर्सेंट ऊपर चढ़ा। हम यहां आपको बता रहे हैं कि 2015 से 1 जनवरी 2025 तक पिछले 10 साल में मार्केट की परफॉर्मेंस कैसी रही।

2015: बीएसई सेंसेक्स साल 2015 में 1,382 अंक गिरकर 26,118 पर बंद हुआ यानी इसमें 5 पर्सेंट की गिरावट रही। कुल मिलाकर, यह साल स्टॉक मार्केट के लिए चुनौतीपूर्ण रहा।


2016: सेंसेक्स में 2016 में मामूली ग्रोथ रही और यह 509 अंक बढ़कर 26,626 पर पहुंच गया। इस दौरान ग्लोबल और डोमेस्टिक अनिश्चितताओं के बीच कंपनी में 1.9 पर्सेंट का इजाफा देखने को मिला।

2017: इस दौरान सेंसेक्स में मजबूत परफॉर्मेंस रही और यह 7,430 अंक ऊपर चढ़कर 34,057 पर पहुंच गया। 2017 में सेंसेक्स की सालाना ग्रोथ 27.9 पर्सेंट रही।

2018: इस दौरान सेंसेक्स 2,012 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 36,068 पर बंद हुआ और इसमें 5.9 पर्सेंट की तेजी रही। ग्लोबल स्तर पर उतार-चढ़ाव और घरेलू चिंताओं के बावजूद मार्केट में पॉजिटिव परफॉर्मेंस बनी रही।

2019: इस दौरान सेंसेक्स 5,185 अंक चढ़कर 41,254 पर पहुंच गया और इसमें 14.4 पर्सेंट की बढ़त रही।

2020: कोविड की चुनौतियों के बावजूद 2020 में सेंसेक्स 6,498 अंक बढ़कर 47,751 पर पहुंच गया और इसमें 15.8% की बढ़ोतरी रही। इस साल की दूसरी छमाही में बाजार में शानदार रिकवरी दी।

2021: यह साल सेंसेक्स के लिए काफी उल्लेखनीय रहा और इस दौरान सूचकांक में 10,502 अंक यानी 22 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही। कोरोना से रिकवरी, IPO की शानदार रफ्तार और ग्लोबल फैक्टर्स की वजह से शेयर बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गया।

2022: इस दौरान सेंसेक्स में 2,587 अंकों की बढ़त रही और यह 4.4 पर्सेंट की बढ़त के साथ 60,841 पर पहुंच गया। हालांकि, ग्लोबल इनफ्लेशन और ब्याज दर की चिंताओं के बावजूद सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुआ।

2023: सेंसेक्स के लिए साल 2023 काफी मजबूत साल रहा और इस दौरान सूचकांक 11,400 अंक यानी 18.7 पर्सेंट बढ़कर 72,240 पर बंद हुआ। शेयर बाजार को स्थिर घरेलू ग्रोथ और अनुकूल ग्लोबल परिस्थितियों का फायदा मिला।

2024: सेंसेक्स में 2024 के दौरान भी तेजी का सिलसिला जारी रहा और सेंसेक्स 5,818 अंक ऊपर यानी 8.1 पर्सेंट की बढ़त के साथ 78,058 पर पहुंच गया।

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