Gala Precision Engineering IPO Listing: गाला प्रिसिशिल इंजीनियरिंग के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 201 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 529 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 750.00 रुपये और NSE पर 721.10 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 41.78 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Gala Precision Engineering Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूट गए। टूटकर BSE पर यह 721.00 रुपये (Gala Precision Engineering Share Price) पर आ गया। हालांकि फिर रिकवरी हुई और उछलकर यह 787.45 रुपये के अपर सर्किट पर पहुंच गया। दिन के आखिरी में यह 787.05 रुपये पर बंद हुआ है यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 48.78 फीसदी मुनाफे में हैं।
Gala Precision Engineering IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
गाला प्रिसिशन इंजीनियरिंग का ₹167.93 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 2-4 सितंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 201.41 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 232.54 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 414.62 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 91.95 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 258.95 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 135.34 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 6.16 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी इक्विपमेंट, प्लांट और मशीनरी की खरीदारी; नई फैसिलिटी सेटअप करने: कर्ज चुकाने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
Gala Precision Engineering के बारे में
वर्ष 2009 में बनी गाला प्रिसिशन इंजीनियरिंग डिस्क और स्ट्रिंग स्प्रिंग्स (DSS), क्वॉइल और स्पाइरल स्प्रिंग्स (CSS) और स्पेशल फास्टनिंग सॉल्यूशंस (SFS) तैयार कर ओरिजिनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर्स (OEMs) को भेजती है। इसके प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल, ऑफ-हाईवे इक्विपमेंट, ऑटोमोटिव और रेलवे जैसे सेक्टर्स में होता है। इसके ग्राहक भारत के अलावा जर्मनी, डेनमार्क, चीन, इटली, ब्राजील, स्वीडन और स्विटजरलैंड में भी हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 59.32 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 83.66 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 104.45 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 17 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 204.38 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।