Get App

ग्लोबल स्टॉक्स मार्केट्स पर इस बार जियोपॉलिटिकल टेंशन का पहले जैसा नहीं दिखा है असर, जानिए दुनिया के बड़े बाजारों का हाल

इंडियन मार्केट्स में 3 अक्टूबर को आई गिरावट की अपनी वजहें हैं। करीब एक हफ्ते से इंडियन मार्केट्स दबाव में दिख रहे थे। 3 अक्टूबर से पहले के 5 कारोबारी सत्रों में निफ्टी 480 अंक गिर चुका था। इसकी बड़ी वजह मुनाफावसूली है। इंडियन मार्केट्स की वैल्यूशन को लेकर काफी समय से चिंता जताई जताई जा रही थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 03, 2024 पर 3:43 PM
ग्लोबल स्टॉक्स मार्केट्स पर इस बार जियोपॉलिटिकल टेंशन का पहले जैसा नहीं दिखा है असर, जानिए दुनिया के बड़े बाजारों का हाल
अमेरिका में 2 अक्टूबर को प्रमुख सूचकाकों में मिलाजुला रुख दिखा। यूरोप में 3 अक्टूबर को मार्केट्स पर दबाव दिखा, लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं है। इंग्लैंड का प्रमुख सूचकांक हरे निशान में था।

बीते एक हफ्ते में मध्यपूर्व में हालात बदल गए हैं। इजराइली हमले में हिजबुल्ला चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद यह माना जा रहा था कि ईरान जवाबी हमला करेगा। 1 अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर एक साथ दर्जनों मिसाइलें दागी। इजराइल ने कहा है कि इसका अंजाम ईरान को भुगतान पड़ेगा। इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि अब ईरान खुलकर इस जंग का हिस्सा बन चुका है। यह माना जा रहा था कि ईरान के इस लड़ाई में शामिल होने पर हालात खराब हो सकते हैं। इसका असर दुनियाभर के स्टॉक्स मार्केट्स पर पड़ेगा। लेकिन, दुनियाभर के स्टॉक्स मार्केट्स पर इसका असर अनुमान से कम दिख रहा है।

अमेरिका और यूरोप में मिलाजुला रुख

अमेरिका (US Markets) में 2 अक्टूबर को प्रमुख सूचकाकों में मिलाजुला रुख दिखा। यूरोप में 3 अक्टूबर को मार्केट्स पर दबाव दिखा, लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं है। इंग्लैंड का प्रमुख सूचकांक हरे निशान में था। इसका मतलब है कि यूरोप और एशियाई स्टॉक्स एक्सचेंज (Asian Stock Exchanges) में शेयरों की कीमतों में बड़ी गिरावट नहीं आई है। ब्रेंट क्रूड में उछाल आया है। यह चढ़कर 75 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। यह एक हफ्ते का क्रूड का सबसे हाई लेवल है। गोल्ड की कीमतों में पहले से तेजी थी। यह इस साल करीब 30 फीसदी चढ़ चुका है। मध्यपूर्व क्राइसिस के बावजूद यह नई ऊंचाई पर पहुंचने में नाकाम रहा है।

इंडियन मार्केट्स में गिरावट की अपनी वजहें

सब समाचार

+ और भी पढ़ें