सरकार चीनी एक्सपोर्ट पर लगाम लगाने की तैयारी में है। महंगाई की नकेल कसने के लिए सरकार यह बड़ा फैसला ले रही है। इस खबर के चलते चीनी शेयरों में आज तेज गिरावट देखने को मिली है। बलरामपुर चीनी में तो आज लोअर सर्किट लगता नजर आया। दूसरे चीनी शेयरों की भी जोरदार पिटाई हुई है। गौरतलब है कि इस साल 90 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट का अनुमान था। अब तक 85 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट हो चुकी है। वहीं पिछले साल 71.91 लाख चीनी एक्सपोर्ट हुई थी।
Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल फूड कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए भारत सरकार यह कदम उठा सकती है। Bloomberg की पहले आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार सितंबर में समाप्त होने वाले वर्ष के लिए शुगर का एक्सपोर्ट कोटा 1 करोड़ टन पर सीमित कर सकती है। रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी थी। अगर ऐसा होता है तो पिछले 6 साल में पहली बार शुगर एक्सपोर्ट पर इस तरह का प्रतिबंध लागू होगा।
गौरतलब है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा शुगर उत्पादक देश है। वहीं ब्राजील के बाद दुनिया का सबसे बड़ा शुगर एक्सपोर्टर है। इस खबर पर द इंडिया शुगर ट्रेडर एसोसिएशन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार सावधानी के तौर पर यह कदम उठा रही है।
CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 8 मिलियन टन शुगर एक्सपोर्ट के एग्रीमेंट कर रखें है जबकि उम्मीद है कि 2021-22 के शुगर सीजन में देश में 9.5 मिलियन टन का प्रोडक्शन होगा।
जानकारों का कहना है कि 10 MT की लिमिट काफी बड़ी लिमिट है। इसके अंदर चीनी मिलें अपना अधिकतम उत्पादन एक्सपोर्ट कर सकेंगी और घरेलू बाजार में भी निर्धारित सीमा में चीनी उपलब्ध करा सकेंगी। गौरतलब है कि पिछले साल भारत में 35.5 मिलियन टन शुगर उत्पादन हुआ था।
शुगर इंडस्ट्री के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिशन (ISMA)के मुताबिक अक्टूबर 2021 से अप्रैल 2022 की अवधि में देश में होने वाला शुगर एक्सपोर्ट 64 फीसदी बढ़कर 71 लाख टन पर पहुंच गया। ग्लोबल मार्केट में भारतीय शुगर की बेहतर मांग का चीनी मिलों को फायदा हुआ था।