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CPSEs के डिविडेंड, बोनस इश्यू और शेयर बायबैक के बदलने वाले हैं नियम

CPSE अब बैलेंस शीट के मामले में अधिक मजबूत हैं और उनके मार्केट कैपिटलाइजेशन में सुधार हुआ है। पिछले 3 वर्षों में CPSEs, बैंकों और बीमा कंपनियों का कुल मिलाकर मार्केट कैप 15 लाख करोड़ रुपये से 500 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 58 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। साथ ही सरकार की इक्विटी होल्डिंग जनवरी 2021 के 9.5 लाख करोड़ रुपये से 4 गुना बढ़कर 38 लाख करोड़ रुपये हो गई है

अपडेटेड Sep 02, 2024 पर 9:58 AM
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वित्त मंत्रालय सितंबर महीने में संशोधित दिशानिर्देश जारी कर सकता है।

सरकार CPSE के डिविडेंड पेमेंट, बोनस इश्यू और शेयर बायबैक को लेकर 2016 के अपने दिशानिर्देशों में संशोधन करने पर काम कर रही है। वित्त मंत्रालय ने मई 2016 में CPSE में सरकारी निवेश के कुशल प्रबंधन के लिए 'कैपिटल रिस्ट्रक्चरिंग ऑफ सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (CPSEs)' पर व्यापक दिशानिर्देश जारी किए थे। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक अधिकारी का कहना है, 'CPSE अब बैलेंस शीट के मामले में अधिक मजबूत हैं और उनके मार्केट कैपिटलाइजेशन में सुधार हुआ है। अब कैपिटल रिस्ट्रक्चरिंग गाइडलाइंस पर फिर से विचार करने का समय आ गया है।'

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय इस महीने संशोधित दिशानिर्देश जारी कर सकता है। पहले से जारी कैपिटल रिस्ट्रक्चरिंग गाइडलाइंस के अनुसार, जिन CPSEs के पास व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अपनी पूंजी को अनुकूलतम रूप से निवेश करने की योजना नहीं है, उन्हें उनके पास मौजूद सरप्लस फंड्स पर प्रोफेशनली विचार करना चाहिए।

CPSE को देना होता है कितना डिविडेंड


डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के मई 2016 में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक CPSE के लिए शुद्ध लाभ का 30 प्रतिशत या कुल नेट वर्थ का 5 प्रतिशत मिनिमम वार्षिक डिविडेंड देना जरूरी है। इसके साथ ही कम से कम 2,000 करोड़ रुपये की नेट वर्थ और 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और बैंक जमा वाले प्रत्येक CPSE को शेयर बायबैक का विकल्प चुनना जरूरी है।

साथ ही बोनस शेयर तभी जारी किए जाएंगे, जब CPSE के निर्धारित रिजर्व और सरप्लस उसकी पेड अप इक्विटी शेयर कैपिटल के 10 गुना के बराबर या उससे अधिक हों। जिस CPSE के शेयर की मार्केट वैल्यू या बुक वैल्यू उसकी फेस वैल्यू से 50 गुना अधिक है, उसे अपने शेयरों को उचित तरीके से स्प्लिट करना होगा।

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दिशा-निर्देशों के पीछे मंशा यह है कि नकदी के ढेर पर बैठे CPSEs को डिविडेंड का भुगतान करना होगा, जिससे स्टॉक में निवेशकों की दिलचस्पी बरकरार रखने में मदद मिलेगी। 2024-25 में अब तक CPSEs से डिविडेंड के माध्यम से 10,604.74 करोड़ रुपये मिले हैं। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से डिविडेंड के रूप में 56,260 करोड़ रुपये हासिल करने का बजट रखा है। यह जो वित्त वर्ष 2023-24 के 50,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

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