वाडिया समूह (Wadia Group) की कंपनी बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (Bombay Burmah Trading Corporation) के शेयर बुधवार 3 मई को दिन के कारोबार में 7.35 प्रतिशत गिरकर 963.70 रुपये पर आ गए। बॉम्बे बर्मा के शेयरों में यह गिरावट ऐसे समय में है, जब ग्रुप की एक कंपनी गोफर्स्ट (GoFirst) ने खुद के दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए एनसीएलटी में याचिका दाखिल की है। इससे पहले बीते 28 मार्च से 1 मई के दौरान इसके शेयरों में करीब 36 फीसदी की तेजी आई थी। बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ने 2 मई की देर रात दाखिल एक नियामकीय फाइलिंग में बताया कि गोफर्स्ट में इसकी 32.61 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी है।
कंपनी ने फाइलिंग में कहा कि वित्त वर्ष 2023 के फाइनेशिंयल स्टेटमेंट पर गोफर्स्ट के मामले के असर का का मूल्यांकन किया जाएगा और उचित समय पर रिपोर्ट दी जाएगी।
वाडिया ग्रुप की बाकी कंपनियां के शेयर भी बुधवार को लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। बॉम्बे डाइंग 1.69 फीसदी गिरकर 90.15 रुपये, नेशनल पेरोक्साइड 0.81 प्रतिशत गिरकर 1,382 रुपये, जबकि ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के शेयर मामूली गिरावट के साथ 4,530 रुपये पर शुरुआती कारोबार में ट्रेड कर कर रहे थे।
CNBC TV-18 की रिपोर्ट के अनुसार, बॉम्बे बर्मा ने अपनी सब्सिडियरी कंपनी बेमैनको इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (Baymanco Investments Ltd) के जरिए, अनिवार्य कन्वर्टिबल प्रेफरेंश शेयर (CCPS) जारी कर दिसंबर तिमाही में करीब 210 करोड़ रुपये गोफर्स्ट में डाले थे। आवंटन की तारीख से 5 साल के बाद इन CCPS को इक्विटी शेयरों में बदल दिया जाएगा।
वाडिया ग्रुप (Wadia Group) ने 2021 में GoFirst के प्रस्तावित आईपीओ से पहले इक्विटी और ब्रिज लोन में इसके जरिए करीब 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
GoFirst ने 2 मई को बताया कि उसने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT), के सामने स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए एक आवेदन दायर किया है। इस ऐलान के ठीक कुछ ही देर पहले एयरलाइन के सीईओ कौशिक खोना ने बताया था कि एयलाइन ने "गंभीर नकदी संकट" के चलते 3 और 4 मई की अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दीं।