6 महीने में 11 लाख ने छोड़ दी Groww और Zerodha, बाकी ब्रोकर्स का ये है हाल

अमेरिकी टैरिफ, सेबी की सख्ती और जियोपॉलिटिकल टेंशन ने मिलकर ऐसा कॉकटेल बनाया कि खुदरा निवेशक तेजी से स्टॉक मार्केट छोड़ रहे हैं। देश के चार सबसे बड़े ब्रोकर्स को इसका करारा झटका लगा और इस साल की पहली छमाही में ग्रो (Groww), जीरोधा (Zerodha), एंजेल वन (Angel One), और अपस्टॉक्स (Upstox) ने करीब 20 लाख एक्टिव इंवेस्टर्स गंवा दिए

अपडेटेड Jul 10, 2025 पर 12:17 PM
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इस साल के शुरुआती दो महीने की गिरावट के बाद लगातार चार महीने घरेलू मार्केट में तेजी का रुझान रहा और निफ्टी 50 पॉजिटिव रहा। हालांकि इसके बावजूद इस साल 2025 के पहले छह महीने में देश के चार सबसे बड़े ब्रोकर्स ने करीब 20 लाख एक्टिव इंवेस्टर्स गंवा दिए।

इस साल के शुरुआती दो महीने की गिरावट के बाद लगातार चार महीने घरेलू मार्केट में तेजी का रुझान रहा और निफ्टी 50 पॉजिटिव रहा। हालांकि इसके बावजूद इस साल 2025 के पहले छह महीने में देश के चार सबसे बड़े ब्रोकर्स ने करीब 20 लाख एक्टिव इंवेस्टर्स गंवा दिए। एनएसई पर मौजूद आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है। इस गिरावट की मुख्य वजह पिछले दो तिमाहियों से फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग में निवेशकों का घटता रुझान है। बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पिछले साल मार्जिन की सख्ती और वीकली एक्सपायरी को सीमित करने के फैसले ने एफएंडओ सेगमेंट को करारा शॉक दिया।

किस ब्रोकरेज फर्म को कितना झटका?

इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में एक्टिव इंवेस्टर्स के हिसाब से देश के चार सबसे बड़े ब्रोकरेजेज ग्रो (Groww), जीरोधा (Zerodha), एंजेल वन (Angel One), और अपस्टॉक्स (Upstox) ने करीब 20 लाख एक्टिव इंवेस्टर्स गंवाए। इसमें से करीब 6 लाख तो ब्रोकरेजेज फर्म सिर्फ एक ही महीने जून में गंवाए। खास बात ये है कि इन ब्रोकरेज फर्मों ने पिछले साल 2024 में करीब एक करोड़ नए एक्टिव इंवेस्टर्स जोड़े थे। इस साल जनवरी से लेकर जून 2025 तक ग्रो ने करीब 6 लाख, जीरोधा ने 5.5 लाख, एंजेल वन ने 4.5 लाख और अपस्टॉक्स ने 3 लाख एक्टिव इंवेस्टर्स गंवाए। ग्रो और जीरोधा के छह महीने में करीब 11.5 लाख एक्टिव इंवेस्टर्स कम हुए।


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क्या कहना है एक्सपर्ट्स का?

एक्सिस सिक्योरिटीज के राजेश पालविया के मुताबिक सेबी ने एफएंडओ से जुड़े नियमों को सख्त किया और जागरूकता भी फैलाई जिसके चलते रिटेलर्स की भागीदारी एफएंडओ में कम हुई है। इससे पहले वर्ष 2023 और वर्ष 2024 के बुल रन में डिस्काउंट ब्रोकरेजेज ने बड़ी संख्या में डेरिवेटिव ट्रेडर्स को आकर्षित किया था, खास तौर से टियर 2, 3 और 4 के शहरों के लोगों को। हालांकि राजेश के मुताबिक मार्केट में लगातार गिरावट और बढ़ती वोलैटिलिटी ने लगातार मुनाफा बनाना मुश्किल कर दिया। डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म पर सीमित रिसर्च सपोर्ट और इंवेस्टर गाइडेंस के चलते कई ट्रेडर्स लगातार घाटे के बाद बाहर हो गए। फिज्डम के नीरव करकेरा का कहना है कि निवेशकों का रुझान अब म्युचुअल फंड्स, पोर्टफोलियो मैनेजमेंच सर्विसेज (PMS) और अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड्स (AIFs) की तरफ शिफ्ट हो रहा है जिसे प्रोफेशनल लोग मैनेज करते हैं।

इन ब्रोकरेज फर्मों के बढ़े एक्टिव इंवेस्टर्स

देश के चार सबसे बज़े ब्रोकरेज फर्मों को एक्टिव इंवेस्टर्स छोड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ बैंकों से जुड़े ट्रेडिशनल फुल-सर्विस ब्रोकर्स और छोटे ब्रोकर्स की तरफ जा रहे हैं। इस साल के शुरुआती छह महीने में एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, कोटक सिक्योरिटीज और एसबीआईकैप सिक्योरिटीज के एक्टिव इंवेस्टर्स बढ़े हैं। इसके अलावा इंडमनी, धन ऐप और फोनपे के शेयरडॉटमार्केट जैसे छोटे ब्रोकरेज हाउस ने भी नए एक्टिव इंवेस्टर्स जोड़े।

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First Published: Jul 10, 2025 12:17 PM

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