GST Reforms: ऑटो, सीमेंट समेत इन 6 सेक्टर्स को मिलेगा सीधा फायदा, ब्रोकरेज ने बताए दमदार स्टॉक्स
GST Stocks: भारतीय शेयर बाजारों में आज 18 अगस्त को तूफानी तेजी देखने को मिली। इस तेजी के पीछे सबसे बड़ी वजह रही गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में बड़े सुधारों की तैयारी। पीएम मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में कहा कि इन सुधारों के दिवाली से लागू होने की उम्मीद है। मार्केट एक्सपर्ट्स का GST दरों को तर्कसंगत बढ़ाने से न सिर्फ खपत को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कंपनियों की बिक्री और रेवेन्यू में भी इजाफा देखने को मिलेगा
सूत्रों के मुताबिक, सरकार नए जीएसटी स्ट्रक्चर में सिर्फ दो मुख्य दरें रखेगी- 5% और 18%
GST Stocks: भारतीय शेयर बाजारों में आज 18 अगस्त को तूफानी तेजी देखने को मिली। इस तेजी के पीछे सबसे बड़ी वजह रही गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में बड़े सुधारों की तैयारी। पीएम मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में कहा कि इन सुधारों के दिवाली से लागू होने की उम्मीद है। मार्केट एक्सपर्ट्स का GST दरों को तर्कसंगत बढ़ाने से न सिर्फ खपत को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कंपनियों की बिक्री और रेवेन्यू में भी इजाफा देखने को मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार नए जीएसटी स्ट्रक्चर में सिर्फ दो मुख्य दरें रखेगी। 5% और 18%। इसके अलावा लग्जरी और सिन गुड्स के लिए 40% टैक्स की एक नई दर लाई जा सकती है।
एमके ग्लोबल (Emkay Global) का कहना है कि यह कदम भारत में कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए एक बड़े बूस्टर डोज का काम कर सकता है। साथ ही इससे कारोबार करना आसान होगा और टैक्स स्ट्रक्चर सरल होगी। जीएसटी दरें घटने से टैक्स चोरी के मामले भी घटेंगे और इकोनॉमी में संगठित सेक्टर का हिस्सा बढ़ेगा।
ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि इस सुधार से ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर स्टेपल, होटल्स, रिटेल, एयर कंडीशनर (AC) और सीमेंट सेक्टर को सबसे अधिक फायदा हो सकता है।
1. कंज्यूमर स्टॉक्स (Consumer stocks)
फूड और बेवरेजेस फिलहाल 5%, 12% और 18% के टैक्स स्लैब में आते हैं। एमके ग्लोबल ने कहा कि घी, मक्खन, चीज, पनीर, बोतलबंद पानी, जूस, इंस्टेंट नूडल्स, पास्ता, वेफर्स और च्यवनप्राश पर 12% GST लगता है, लेकिन नए सुधारों के बाद इन्हें 5% स्लैब में शिफ्ट किया जाता है। इससे
बिकाजी और गोपाल स्नैक्स को बड़ा फायदा हो सकता है, जिनका करीब 80% से 85% रेवेन्यू इसी सेगमेंट से आता है।
इसके अलावा नेस्ले इंडिया के करीब 30% पोर्टफोलियो को भी इस कदम से राहत मिल सकती है। बेवरेज और च्यवनप्राश पर टैक्स घटने से डाबर इंडिया को भी फायदा हो सकता है, जिसके इंडिया रेवेन्यू का करीब 23 फीसदी हिस्सा इसी सेगमेंट से आता है। एमके ग्लोबल ने कहा कि इसके अलावा आईटीसी, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, मैरिको और एचयूएल पर भी इसका पॉजिटिव असर देखने को मिल सकता है।
2. एयर कंडीशनर्स (Room ACs)
सीएलएसए (CLSA) और मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि टैक्स घटने से एसी की डिमांड में बड़ा उछाल आएगा। इसका सीधा लाभ वोल्टास और हैवेल्स जैसी कंपनियों को मिल सकता है।
3. ऑटोमोबाइल्स (Autos)
फिलहाल कार और टू-व्हीलर पर 28% जीएसटी लगता है। हालांकि खबरें है कि सरकार दिवाली से इस जीएसदी दर को घटाकर 18 फीसदी करने की तैयारी कर रही है। अगर ऐसा होता है तो एंट्री-लेवल गाड़ियों और बाइक की कीमतें घटेंगी और बिक्री में तेजी आ सकती है।
एमके ग्लोबल का कहना है कि इसका सबसे अधिक फायदा हीरो मोटोकॉर्प और मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों को हो सकता है, जो मास सेगमेंट को ध्यान में रखकर अपने ब्रांड्स बनाती है। वहीं मोतीलाल ओसवाल ने इस सेगमेंट मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और अशोक लीलैंड को चुनने की सलाह दी है।
4. सीमेंट सेक्टर (Cement)
भारत में सीमेंट पर फिलहाल 28% जीएसटी लगता है, जबकि स्टील और दूसरे कंस्ट्रक्शन सामग्री पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है। यह लगभग बाकी सभी बड़े देशों के मुकाबले काफी अधिक है। ऑस्ट्रेलिया में 10 प्रतिशत, सिंगापुर में 9 प्रतिशत और यूरोपीय यूनियन में 17% से 20% टैक्स लगता है।
मोतिलाल ओसवाल का कहना है कि जीएसटी को 28% से घटाकर 18% करने से सीमेंट के दाम करीब 7.5-8% तक घट सकते हैं। हालांकि इसके मांग पर बहुत अधिक असर पड़ने की संभावना नहीं है, लेकिन यह कदम मार्केट सेंटीमेंट के लिए बड़ा पॉजिटिव साबित हो सकता है।
5. इंश्योरेंस सेक्टर (Insurance)
ऐसी संभावना है कि हेल्थ इंश्योरेंस पर GST को घटाकर 5 प्रतिशत किया जा सकता है या पूरी तरह से छूट दी जा सकती है। ऐसी स्थिति में, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों और टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर अधिक निर्भरता वाली बीमा कंपनियों को लाभ हो सकता है। इसके अलावा, जनरल इंश्योरेंस में कटौती से भी स्टार हेल्थ और निवा बूपा को सीधा लाभ हो सकता है। एमके ग्लोबल ने कहा कि लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में, टर्म प्लान पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से मैक्स फाइनेंशियल को मदद मिल सकती है।
6. फूटवियर (Footwear)
सरकार 1,000 रुपये से कम कीमत वाले फुटवियर पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर सकती है। इस कदम से रिलैक्सो, बाटा, खादिम, मेट्रो और कैम्पस को काफी लाभ मिल सकता है। क्योंकि इससे इनकी अफोर्डबिलिटी बढ़ेगी और अंसगठित सेक्टर की कंपनियों और इनके बीच में अंतर कम होगा।
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