Get App

Gujarat Pipavav का शेयर 5% लुढ़का, खराब तिमाही अपडेट के बाद स्टॉक बेचने की होड़

Gujarat Pipavav Stocks: गुजरात पीपावाव पोर्ट्स के शेयर आज 7 अक्टूबर को 5 फीसदी से अधिक लुढ़क गए। कंपनी की दूसरी तिमाही के बिजनेस अपडेट ने निवेशकों को निराश किया है। कंपनी की कंटेनर और ड्राई बल्क वॉल्यूम दोनों में दूसरी तिमाही के दौरान गिरावट आई है, जिसका असर इसके शेयरों पर देखने को मिला है। सितंबर तिमाही के दौरान कंपनी के कुल कंटेनर वॉल्यूम में सालाना आधार पर 17% की गिरावट आई

Moneycontrol Newsअपडेटेड Oct 07, 2024 पर 3:25 PM
Gujarat Pipavav का शेयर 5% लुढ़का, खराब तिमाही अपडेट के बाद स्टॉक बेचने की होड़
Gujarat Pipavav Stocks: पहली तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 62% बढ़कर 110 करोड़ रहा था

Gujarat Pipavav Stocks: गुजरात पीपावाव पोर्ट्स के शेयर आज 7 अक्टूबर को 5 फीसदी से अधिक लुढ़क गए। कंपनी की दूसरी तिमाही के बिजनेस अपडेट ने निवेशकों को निराश किया है। कंपनी की कंटेनर और ड्राई बल्क वॉल्यूम दोनों में दूसरी तिमाही के दौरान गिरावट आई है, जिसका असर इसके शेयरों पर देखने को मिला है। सितंबर तिमाही के दौरान कंपनी के कुल कंटेनर वॉल्यूम में सालाना आधार पर 17% की गिरावट आई और यह 179,000 TEUs रहा। पिछले साल इसी तिमाही में यह 216,000 TEUs था। इसके अलावा, ड्राई बल्क वॉल्यूम में भी सालाना आधार पर 40.3% की गिरावट दर्ज की गई है।

दोपहर 1:16 बजे के करीब, पीपावाव पोर्ट्स के शेयर NSE पर 205.90 रुपये के भाव पर पर ट्रेड कर रहे थे। पीछले एक महीने में यह शेयर करीब 9.5% गिर चुका है। इसके साथ ही, ट्रेडिंग वॉल्यूम में भी बढ़ोतरी देखी गई, जिसमें 17 लाख से अधिक शेयरों का कारोबार हुआ, जो कि एक महीने के औसत 15 लाख शेयरों से अधिक है।

सितंबर तिमाही में कंपनी का ड्राई बल्क कार्गो 0.46 मिलियन मीट्रिक टन रहा, जो पीछले साल इसी तिमाही में रहे 0.77 mmt से 40.2 प्रतिशत कम है। तिमाही के दौरान कंपनी का लिक्विड कार्गो 0.33 एमएमटी रहने का अनुमान है, जो पीछले साल की इसी तिमाही में रहे 0.31 एमएमटी से 6.4 प्रतिशत अधिक है।

हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी कंपनी के कंटेनर और ड्राई बल्क वॉल्यूम में गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन फिर भी इसका शुद्ध मुनाफा इस दौरान 62% बढ़कर 110 करोड़ रुपये रहा था। वहीं कंपनी की कुल इनकम 14.5% बढ़कर 245.95 करोड़ रुपये रही। यह मुनाफा मुख्य रूप से वित्तीय लागतों और अन्य खर्चों में लगभग 10 प्रतिशत कमी के कारण हुआ था।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें