पिछले दो दिनों में HDFC Bank के शेयरों में 11 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। इसके चलते निवेशकों को करीब 1.44 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि एचडीएफसी बैंक के मार्केट वैल्यूएशन में दो दिन का यह घाटा उसके पूरे साल के रेवेन्यू से अधिक है। ब्लूमबर्ग के अनुसार एचडीएफसी बैंक का स्टैंडअलोन ट्रेलिंग ट्वेल्व मंथ (TTM) रेवेन्यू 1.43 लाख करोड़ रुपये है। रेवेन्यू की गणना नेट इंटरेस्ट इनकम को नॉन-इंटरेस्ट इनकम में जोड़कर की जाती है।
मार्च 2020 के बाद दो दिनों में सबसे तेज गिरावट
बुधवार को 8.4 फीसदी की गिरावट के बाद आज गुरुवार को भी स्टॉक में 3.3 फीसदी की गिरावट देखी गई। स्टॉक की कीमत में गिरावट मार्च 2020 के बाद से दो दिनों की सबसे तेज गिरावट है। अगर कोविड के समय के उतार-चढ़ाव को छोड़ दिया जाए, तो बैंक के शेयरों में मई 1995 में लिस्ट होने के बाद से अब तक केवल छह बार इतनी बड़ी गिरावट आई है।
शेयरों में गिरावट की वजह मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरे तिमाही के नतीजे हैं। निवेशक फ्लैट मार्जिन, सुस्त डिपॉजिट ग्रोथ और अर्निंग पर शेयर (EPS) से निराश हैं। दिसंबर तिमाही में बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन 3.4% रहा, जबकि बाजार का अनुमान 3.6% था।
करेक्शन से और आकर्षक हुआ वैल्यूएशन
नतीजों के बाद एचडीएफसी बैंक के स्टॉक में तेज करेक्शन ने इसके वैल्यूएशन को और आकर्षक कर दिया है। ब्लूमबर्ग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार स्टॉक वर्तमान में अपने एक साल के फॉरवर्ड बुक वैल्यू के 2.3 गुना पर ट्रेड कर रहा है, जबकि पांच साल का एवरेज 3.1x है।
जेफरीज ने 12 महीने के लिए 2000 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ स्टॉक को Buy रेटिंग दी है। ब्रोकरेज का मानना है कि बैंक की अर्निंग पर शेयर (EPS) Q1FY25 से बढ़ेगी। दिसंबर तिमाही के लिए EPS सालाना 2 फीसदी कम हो गया, जबकि इसका कोर EPS सालाना 12 फीसदी नीचे था। जेफरीज ने नोट में लिखा है, "स्टॉक प्राइस का कंपाउंडिंग और वैल्यूएशन की री-रेटिंग कोर EPS में ग्रोथ में सुधार पर निर्भर करेगी।"