एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के साथ एचडीएफसी (HDFC) का हाई प्रोफाइल मर्जर करीब आ रहा है। इससे बनने वाली नई इकाई बहुत बड़ी होगी जिसको अनदेखा करना मुश्किल होगा। यहां तक कि कई म्युचुअल फंड स्कीम्स सिक्योरिटी में अधिकतम अनुमत होल्डिंग के मामले में बाजार नियामक के मानदंड का उल्लंघन भी करेंगी। मनीकंट्रोल के विश्लेषण के अनुसार मर्जर के बाद करीब 60 म्युचुअल फंड स्कीम्स में एचडीएफसी बैंक के 5,000 करोड़ रुपये के शेयर सेबी (Securities and Exchange Board of India) द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक होंगे।
SEBI के मानदंड के अनुसार कोई भी म्युचुअल फंड स्कीम एक ही सिक्योरिटी में 10 प्रतिशत से अधिक निवेश नहीं कर सकती है। हालांकि एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (Exchange-traded funds) और थीमैटिक फंड्स ( thematic funds) पर ये मानदंड लागू नहीं होते हैं।
Mirae Asset Large Cap Fund का सबसे ज्यादा एक्सपोजर
इन 60 फंडों में से 1,231 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा अतिरिक्त एक्सपोजर Mirae Asset Large Cap Fund-Reg(G) के पास होगा। इसमें एचडीएफसी समूह का एक नाम भी सामने आता है। HDFC Top 100 Fund(G) का 720 करोड़ रुपये का दूसरा सबसे बड़ा अतिरिक्त एक्सपोजर होगा।
हमारे कैलकुलेशन में दो स्कीम्स - Tata Quant Fund-Reg(G) और Invesco India Tax Plan(G) भी नजर में आई हैं। जो सीमा से 5 प्रतिशत अधिक हैं। Invesco India Tax Plan(G) का कुल AUM 1,999 करोड़ रुपये है। मर्जर के बाद इसके पास एचडीएफसी बैंक के 101 करोड़ रुपये के अतिरिक्त शेयर होंगे।
मर्जर के बाद ये परिस्थितियां सामने आ सकती हैं
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नियमों का उल्लंघन करने पर SEBI द्वारा म्यूचुअल फंड्स को विशेष छूट देने की संभावना नहीं है।
Nuvama Alternative & Quantitative Research के हेड अभिलाष पगारिया ने कहा, मर्जर के बाद, जब फंड अपनी स्कीम्स में होल्डिंग की रिपोर्ट करंगे, तो उन्हें रीबैलेंसिंग के लिए 30 दिन मिलेंगे।
उन्होंने कहा "इंडस्ट्री इस हालात के लिए तैयार थी। फंड मैनेजर अपने पोर्टफोलियो को तुरंत एडजस्ट करना शुरू कर सकते हैं या उस 30-दिन की अवधि में अपनी होल्डिंग बेच सकते हैं। किसी भी तरह से स्टॉक बहुत अधिक दबाव में नहीं आएगा क्योंकि 20-दिन की औसत ट्रेडिंग और डिलीवरी वॉल्यूम 5,000 करोड़ रुपये के प्रभाव का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त है।"
बाजार सहभागियों को यकीन है कि बिक्री को स्मार्ट मनी द्वारा संभाल लिया जाएगा।
चार्टर्ड अकाउंटेंट और स्टॉक मार्केट अली अझर ने कहा "एक अच्छा क्वालिटी स्टॉक जैसे HDFC Bank हमेशा गैर-मूलभूत कारणों से बिकवाली के मामले में संतुलन बना लेता है। हाई-नेटवर्थ व्यक्तियों और रिटेल निवेशकों द्वारा डाली गई स्मार्ट मनी से संस्थागत निवशकों द्वारा बनाये गये अंतर को भर दिया जायेगा।
4 मई को HDFC बैंक के शेयरों में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। इसके तुरंत बाद स्टॉक थोड़ा रिकवर हो गया। लेकिन तब से अब तक 1.4 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है।
15 जून को एनएसई पर स्टॉक 1,603 रुपये पर कारोबार कर रहा था। जो 14 लाख शेयरों के वॉल्यूम के साथ सुबह 9:50 बजे 0.12 प्रतिशत ऊपर चढ़ गया था।
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)